राजस्थानी में एक कहावत है… “नौकरी च्यूं करी, गरज पड़ी न्यूं करी!” मतलब कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए राजस्थान की जनता से बडे-बडे वादे तो कर दिए मगर अब कांग्रेस को खुद समझ नहीं आ रहा, उन्हें पूरा कैसे करें? राजस्थान की जनता ने बेरोज़गारी भत्ते और किसानों ने कर्ज़माफ़ी के लालच में आकर कांग्रेस की सरकार तो बनवा दी मगर अब अफ़सोस कर रहे हैं। जनता को अपने ही किये गए फैसले पर हसीं आ रही है। कैसे लोगों को सत्ता की चाबी सौंप दी? कांग्रेस ने किसान कर्ज़माफ़ी की घोषणा तो कर दी मगर अभी तक कर्ज़ माफ़ हुआ नहीं है। प्याज की फसल करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान या तो औने-पौने दामों में प्याज बेचने को मज़बूर हैं, या फिर अपने ही हाथों अपनी फसल को खेतों में ही बर्बाद कर रहे हैं। क्योंकि कड़ी मेहनत से उगाई फसल को कौड़ियों के भाव बेचने से अच्छा तो आग लगा देना बेहतर है।

चुनावों से पहले युवाओं और बेरोज़गारो को रोज़गार देने का झांसा देने वाली कांग्रेस सरकार ने अभी तक ख़ुद के द्वारा रीट प्रथम लेवल की भर्ती प्रक्रिया पर लगवाई गयी रोक हटाई नहीं है। ना ही बेरोज़गारी भत्ते को लेकर कोई फैसला लिया है, और ना ही युवाओं के लिए किसी प्रकार के रोज़गार उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। हां एक काम जरूर किया है कांग्रेस ने। राजस्थान के पढ़े लिखे युवा से गढ्ढे खुदवाने के लिए नरेगा योजना पर तुरंत बैठक बुला ली गयी। बुज़ुर्गों की पेंशन तो बढ़ा दी गयी है, लेकिन उसमे घोटाले करने की भी पूरी तैयारी कर ली है। क्योंकि वसुंधरा राजे जी की विश्व प्रसिद्ध भामाशाह योजना को तो गहलोत सरकार बंद करने जा रही है, फिर पैशन की रक़म कहां और किसके खाते में कैसे जमा होगी? अगर नक़द दी जाएगी तो आधी पेंशन को तो पेंशन अधिकारी ही खा जायंगे। फिर महिलाओं को दिया गया सम्मान भी तो छीन लिया जायेगा। जिन महिलाओं को परिवार का मुखिया बना कर भामाशाह कार्ड दिया, अब उनकी कौन सुनेगा और मानेगा?

मॉब लिंचिंग को रोकना तो दूर की बात कांग्रेस के आते ही तो विभिन्न प्रकार के माफ़िया गैंग भी सक्रीय हो रहे हैं। बजरी माफ़िया,भू माफ़िया, खनन माफ़िया आदि। इसका तजा उदाहरण तो अभी देखने को मिला है। जब धौलपुर में अवैध बजरी बेचने वालों ने दो साल के मासूम की ट्रौली से कुचल कर हत्या कर दी और कार्यवाही करने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल का अपहरण कर लिया। ऐसे हालातों में प्रदेश की शांति व्यवस्था तो पूरी तरह से भंग हो जाएगी और बढ़ते अपराधों के साथ महिला अत्याचार भी और ज़्यादा बढ़ने लगेंगे।

राजस्थान की जनता को मन में एक ही पछतावा हो रहा होगा कि बहुत बड़ी गलती कर दी। कांग्रेस को वोट देकर हमने ख़ुद अपने ही पैर कुल्हाड़ी पर दे मारे। इसीलिए तो पंचायती राज और निकाय उप-चुनावों में जानत ने कांग्रेस को वोट न देकर भाजाप के उम्मीदवारों को जिताया था।

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Source : Mahendra