विधानसभा चुनावों में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नयी रणनीति पर काम कर रहा है। तीनों राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने के बाद अब इन्हें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बारे में चर्चा जोरों पर है कि उन्हें राज्य की जिम्मेदारी से इत्तर अब केन्द्रीय स्तर पर कोई बड़ा दायित्व दिया जा सकता है।
भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को लोकसभा चुनाव लड़ाकर केन्द्र में लाने की कोशिश में है। हालांकि राजे की मंशा राज्य में रहकर ही काम करने की है। ये पहली बार नहीं है कि जब राजे केन्द्रीय स्तर पर दायित्व निर्वहन करेगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के समय भी वसुंधरा राजे केन्द्रीय मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभा चुकी है।
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे झालावाड़ के झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ती आई है और राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह झालावाड़ से सांसद है। ऐसे में अगर राजे झालावाड़ से लोकसभा चुनाव लड़ती है तो उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का राजनीतिक करियर दांव पर लग सकता है। ऐसे में केन्द्रीय नेतृत्व राजे को लोकसभा चुनाव लड़ाकर दुष्यंत सिंह को विधायक का चुनाव लड़ा सकती है।