जयपुर। अशोक गहलोत सरकार के तमाम दावों के बावजूद प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक ट्वीट कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधाा है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया कि कर्ज के बोझ तले दबे किसान लगातार खुदकुशी कर रहे हैं, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। श्रीगंगानगर में पहले मखन सिंह तथा अब किसान महेन्द्र वर्मा द्वारा आत्महत्या के मामले की जितनी निंदा की जाए कम है। ऐसी सरकार को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

6 लाख का कर्ज था बकाया
श्रीगंगानगर के सादुलशहर तहसील के गांव छापांवाली निवासी 36 वर्षीय महेंद्रकुमार ने कर्ज ना चुकाने के कारण कीटनाशी का सेवन कर लिया। रविवार शाम काे इलाज के दाैरान जिला मुख्यालय पर उसका निधन हो गया। महेंद्र के परिवार के सिर पर एसबीआई सादुलशहर शाखा का दाे साल से सवा 6 लाख का कर्ज बकाया चला आ रहा था। बैंक उससे बार-बार कर्ज चुकता करने काे तकाजा कर रहा था। कर्ज उतारने की काेई जुगत नहीं बैठती दिखी ताे हार मानकर शनिवार काे उसने कीटनाशी का सेवन कर लिया।

जिम्मेदारी के साथ-साथ कर्ज का बोझ
मृतक के चचेरे भाई सुशील कुमार, संदीप व परिजनों तथा उसके दोस्त रमेश बाजिया ने बताया कि गांव छापांवाली निवासी मुखराम वर्मा ने एसबीआइ की सादुलशहर शाखा से वर्ष 2016 में अपनी पांच बीघा जमीन पर साढ़े पांच लाख रुपए का लोन लिया था। यह कर्ज वह चुका नहीं पाया। मुखराम की अगस्त 2018 में कीटनाशी के दुष्प्रभाव के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद उसके इकलौते पुत्र महेन्द्र वर्मा (37) पर घर चलाने की जिम्मेदारी के साथ-साथ कर्ज का बोझ आ गया था।

प्रदर्शन पर बैठा किसान का परिवार
परिवार के साथ गांव के बड़ी संख्या में लोग सरकार से मृतक किसान के संपूर्ण कर्ज माफी के साथ ही परिवार के चारों मासूम बच्चों सहित दोनों महिलाओं के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं। इस बात को लेकर जिला अस्पताल के पार्क में ग्रामीणों के साथ ही किसान संगठनों धरना दे रहे है।

कर्जमाफी योजना के बावजूद किसानों की खुदकुशी शर्मनाक
सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल ने कहा है कि राज्य की गहलोत सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानो का कर्जा माफ करने की योजना बनाकर सब्जबाग दिखाए थे लेकिन इलाके में किसानों ने कर्जे से तंग आकर खुदकुशी करना शर्मनाक स्थिति है।