news of rajasthan
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थार/रेगिस्तान में अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना छिपा है। इसका आनंद केवल वह लोग ही उठा पाते हैं, जिनकी आम तौर पर साहसिक गतिविधियों में रुचि होती है। सर्दियों में जब पहाड़ी इलाकों या ठंडे प्रदेशों में पर्यटकों का जाना रूक जाता है तब मरुस्थल मानो ऐसे लोगों को आमंत्रित करता है। ट्रेकिंग तथा चांदनी रात में कैमल सफारी (ऊंट सवारी) जैसी यात्राएं इन्हीं स्थानों पर उपलब्ध होते हैं। रेगिस्तान में यूं तो कई जहरीले सांप, बिच्छु और अन्य कीड़े होते हैं लेकिन सर्दियों में इस तरह के जीव धरती की गहराइयों में चले जाते है। यहां दूर-दूर तक फैले रेत के टीलों के विहंगम और मनोहारी दृश्य दिल-दिमाग पर हमेशा के लिए छाप छोड़ते हैं। चूंकि ठंड का मौसम आ चुका है, ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं इस मौसम में प्रदेश में घूमने के लिए टॉप 5 रेगिस्तानी स्थलों के बारे में। यहां आप न केवल कैमल सफारी का मजा ले सकेंगे, साथ ही एडवेंचर ट्रिप को भी एंजॉय कर पाएंगे।

1. जैसलमेर

प्रदेश का गोल्डन सिटी जैसलमेर सर्दियों में घूमने की काफी अच्छी जगह है। यहां पाई जाने वाली पीली रंग की रेत की वजह से इस शहर को गोल्डन सिटी कहा जाता है। विभिन्न आकृतियों वाले पीली रेत के टीलों पर हवा से बन गई धारियां पानी की छोटी-छोटी लहरें जैसी लगती हैं। जैसलमेर को थार मरूस्थल का दिल भी माना जाता है। कैमल सफारी के अलावा यहां के एडवेंचर कैंप पर्यटकों के बीच अपना खास स्थाल रखते हैं। सैम सैंड दून्स कैमल सफारी के लिए सबसे शानदार जगह है। विश्व की सबसे पुरानी धरोहरें, किले, पैलेस और जैन समुदाय के मंदिर यहां के दर्शनीय स्थल हैं। राजधानी जयपुर से 575 किमी दूरी है जैसलमेर की। दिल्ली से जैसलमेर पहुंचने के लिए रोजाना सीधी ट्रेन उपलब्ध है। अगर आप हवाई जहाज सेवा का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यहां से 294 किमी दूर जोधपुर एयरपोर्ट है और वहां से टैक्सी या बस-ट्रेन से जैसलमेर तक पहुंचा जा सकता है।

2. बीकानेर

जिन लोगों को शांति वाले माहौल में घूमना-फिरना पसंद है, उनके लिए बीकानेर शहर से बेहतर जगह कोई नहीं है। थार के मरूस्थल यानि रेगिस्तान से पूरी तरह घिरा बीकानेर शहर अपने एतिहासिक जुनागढ़ फोर्ट और करणी माता मंदिर की वजह से प्रदेशभर में पॉपुलर है। रेत के धोरो के बीच कैमल सफारी सफारी का अपना ही एक मजा है। रात में दूर तक फैला ठंडा रेगिस्तान और सनसेट एक देखने लायक जगह है। ऊंट उत्सव यहां का सबसे प्रसिद्ध मेला है जिसे राजस्थान पर्यटन विभाग आयोजित कराता है।

3. जोधपुर

राजस्थान का यह शहर किसी अल्हड़ सुंदरी के लहराते आंचल से फैले रेत के ऊंचे-नीचे टीले थार में फैले विस्तृत रेतीले मैदानों का सौंदर्य हैं। सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर कभी मारवाड़ रियासत की राजधानी था। यहां अथाह रेगिस्तान होने की वजह से पानी की कमी है लेकिन इसके बाद भी यहां आने वाले पर्यटकों की कोई कमी नहीं है। यहां के जनजीवन को करीब से देखने का सबसे अच्छा साधन है कैमल सफारी। ऊंट की सवारी करते हुए सैलानी गांवों के बीच से होकर निकलते हैं। कैमल सफारी प्राय: सुबह और शाम को की जाती है। चांदनी रात में कैमल सफारी का अनुभव और भी रोमांचक हो सकता है। ऊंट की सवारी करते हुए थक जाएं तो कहीं भी टेंट लगा सकते हैं या मुक्त आकाश के नीचे बिस्तर बिछा सकते हैं।

4. बाड़मेर

प्रदेश के बाहरी जिलों में बाड़मेर अपनी विश्व विरासत के तौर पर पर्यटकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। हालांकि यह काफी गर्म शहर है लेकिन सर्दियों में इसकी सुंदरता को चार-चांद लगाता है यहां का रेगिस्तानी भाग। कैमरी सफारी और जीप सफारी के लिए बाड़मेर एक आदर्श शहर है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय बाड़मेर घूमने के लिए बेहतर है। रेल, सड़क और हवाई मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। जोधपुर यहां का करीबी एयरपोर्ट है जिसकी दूरी यहां से 220 किमी. है। जोधपुर से रेल व टैक्सी-बस से यहां पहुंच सकते हैं।

 

5. पुष्कर-अजमेर

पहाड़ी गोद में बसा अजमेर जिले का पुष्कर धाम एक पवित्र नगरी है जो रेगिस्तानी वातावरण पसंद करने वालों के लिए एक शानदार जगह है। यहां विशाल पुष्कर झील है जिसमें 32 घाट बने हुए हैं। दुनियाभर का इकलौता ब्रहमंदिर भी यहीं स्थित है। आस्था का प्रतीक चिश्ती दरगाह पर हर महीने बॉलीवुड स्टार्स के साथ पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। पुष्कर बाजार से आगे विशाल फैला हुआ रेगिस्तान का समन्दर कैमल सफारी के साथ आपका इंतजार कर रहा है।

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