news of rajasthan

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पिछले 12 दिनों से हड़ताल पर गए सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों और राजस्थान सरकार के बीच एक बार फिर से वार्ता होने जा रही है। इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों में एक बार फिर से सुलह के आसार दिख रहे हैं। बातचीत आज सुबह 11 बजे से जयपुर के झालाना क्षेत्र स्थित सीफू कार्यालय में शुरू होगी। इस वार्ता में दोनों पक्ष एक-दूसरे का पक्ष तो रखेंगे ही, सुलह का पूरा प्रयास भी करेंगे। इस सुलह वार्ता में दोनों पक्षों पर दबाव होगा क्योंकि एक ओर हाईकोर्ट के सरकार को हड़ताली चिकित्सकों पर एक्शन लेने की छूट दी गई है। वहीं दूसरी ओर, चिकित्सकों में भी गिरफ्तारी एवं लाइसेंस रद्द होने का डर बना हुआ है। अभी भी कई चिकित्सक और चिकित्सक संघ के पदाधिकारी भूमिगत हो चुके हैं। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, मंत्री यूनूस खान, लक्ष्मण सिंह ओला, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी सहित चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी सुलह बैठक में शामिल होंगे।

डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच कोई समझौता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने कड़ा नाराजगी जताई है। कोर्ट सख्त रवैया अपनाते हुए चेतावनी जारी की है कि अगर सरकार और डॉक्टरों के बीच कोई समझौता नहीं होता है तो डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी और दुर्गा शंकर को गिरफ्तार किया जाए।

बता दें कि राजस्थान करीब 9000 सरकारी डॉक्टर विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह ठप हो गई हैं। सरकार ने यह भी विश्वास दिलाया है कि वार्ता में आए चिकित्सीय पैनल के सदस्यों की गिरफ्तारी किसी भी सूरत में नहीं होगी। बताया जा रहा है कि वार्ता में केवल चिकित्सीय संघ के पदाधिकारियों का एक पैनल बुलाया गया है। यह भी पता चला है कि बैठक में रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों को बुलावा नहीं भेजा गया है जिसके चलते रेजीडेंट ने सुलह वार्ता का विरोध किया है।

यह हैं डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें —

  • हड़ताल वाले सभी दिनों को CL-PL में शामिल किया जावें
  • चिकित्सकों पर दर्ज मुकदमें वापिस लिए जावें
  • डीएसीपी, एरियर आदेश में विसंगति, तबादलें रद्द हों
  • नए आरएएस अधिकारी का पद सृजित किया जावें
  • 12 नवम्बर को हुए समझौते के क्रियान्वयन पर मंथन हो