Bhilwara-Ramprasad-Bholi
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वर्तमान राजस्थान सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम से बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। राजे सरकार की यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभप्रद साबित हो रही है। सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम से अब प्रदेश का किसान वैज्ञानिक रूप से जरूरत के अनुसार पोषक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों का ध्यान रखकर खेती करने लगे हैं। जिसके फायदे स्वरूप खेतों में उत्पादन बढ़ा है और किसान ज्यादा समृद्ध हुआ है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में भी कृषि विभाग ने सॉयल हैल्थ कार्ड योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए किसानों और नई दिशा प्रदान की है इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव आया है।

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रामप्रसाद की सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम ने बदला जीवन

राजे सरकार की सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम के आधार पर खेती करने वाले रामप्रसाद जाट का जीवन काफी बदल गया है। सरकार की यह स्कीम उनके घर में नई खुशियां लेकर आई हैं। रामप्रसाद जाट भीलवाड़ा जिले की सुवाणा पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाले भोली गांव के रहने वाले हैं। जाट के लिए सॉयल हैल्थ कार्ड एक तरह से समृद्धि कार्ड साबित हुआ है। वे अपने खेत में वर्षों से भिंडी की फसल करते रहे हैं लेकिन उन्हें इस योजना के लाभ से पहले अपेक्षित उत्पादन प्राप्त नहीं हो रहा था। हैल्थ कार्ड बन जाने के बाद मृदा स्वास्थ्य के बारे में उनको कृषि विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा संपूर्ण जानकारी मिली। उन्हें इस यह भी पता लगा कि खेत की मिट्टी को कौनसे पोषक और सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत है।

ऐसे बढ़ा उत्पादन और मुनाफा: किसान रामप्रसाद ने वर्ष 2016-17 में कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन योजना में कृषि पर्यवेक्षक द्वारा 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्राप्त किया और अपने खेत में 15 किलोग्राम जिंक सल्फेट का उपयोग 3 बीघा गेहूं की फसल में किया। इससे उनके खेत में गेहूं की फसल में दाने की मोटाई व चमक में देखने लायक वृद्धि हुई और बाली की लंबाई अन्य वर्षों के मुकाबले भी अधिक रही। रामप्रसाद के 3 बीघा खेत में 35 क्विंटल गेहूं की उपज हुई। साथ ही जायद की फसल में 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट भूमि में मिलाकर भिंडी की बुवाई की। इससे भिण्डी में फसल का रंग भी अच्छा दिखा तथा फूटान भी अच्छा हुआ। अब तक 1 हैक्टेयर में वे भिंडी की फसल से 1.50 लाख से अधिक रूपए कमा चुके हैं।

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सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम से किसान को ​कई प्रकार का मिला लाभ: सॉयल हैल्थ कार्ड से लाभान्वित किसान रामप्रसाद का कहना है कि जिंक सल्फेट से उनके खेत में उत्पादन में तो जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल ही रही है, साथ में फसल में रोग व कीटों पर नियंत्रण भी हुआ है। किसान रामप्रसाद इसके लिए कृषि पर्यवेक्षक सुनिता मीणा द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन को भी वे मददगार मानते हैं। अब वे कहते हैं कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर खेती-बाड़ी करने से फसल की उपज में वृद्धि तो होती ही है, भूमि की उर्वरा शक्ति भी खराब नहीं होती है। अपने साथी ​किसानों को सुझाव देते हुए रामप्रसाद कहते हैं कि भूमि में मृदा जांच के आधार पर ही खाद एवं उर्वरकों का वैज्ञानिक सलाह के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। इसके बेहद अच्छे परिणाम सामने आते हैं।