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Sex ratio increased to 950 at birth in Rajasthan: health minister saraf.

प्रदेश में भ्रूण लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) के प्रभावी क्रियान्वयन एवं ‘बेटियां अनमोल हैं’ जनजागरूकता अभियान की प्रभावी क्रियान्विति से वर्तमान में जन्म के समय का लिंगानुपात 950 पहुंच गया है। प्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बाल लिंगानुपात 888 रह गया था एवं वर्ष 2015-16 में जन्म पर लिंगानुपात 929, वर्ष 2016-17 में 938 दर्ज किया गया था। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बुधवार को झालाना स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (सीफू) में पीसीपीएनडीटी की राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। बैठक में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की संपादित कार्यों की समीक्षा की गयी और अधिनियम क्रियान्वयन हेतु आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गयी।

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Image: पीसीपीएनडीटी की बैठक के दौरान प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ.

पीसीपीएनडीटी के क्रियान्वयन में प्रदेश ने देशभर में आदर्श मॉडल किया स्थापित

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि पीसीपीएनडीटी टीम द्वारा गत् 4 वर्षों में 94 डिकॉय ऑपरेशन किए गए हैं। वर्ष 2017 में सर्वाधिक 42 एवं इस वर्ष अब तक 19 डिकॉय ऑपरेशन कर भ्रूण लिंग जांच में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक 33 इंटरस्टेट सहित 115 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुकेे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान ने पीसीपीएनडीटी के क्रियान्वयन में देशभर में एक आदर्श मॉडल स्थापित किया है। उन्होंने प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्विति के लिए टीम को बधाई देते हुए इसे नियमित रखने के निर्देश दिए।

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प्रदेश में गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 28 मई से 9 जून तक मनाया जाएगा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त के कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिये ‘गहन दस्त नियंत्रण’ पखवाड़ा 28 मई से 9 जून, 2018 तक मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान में बच्चों में दस्त बीमारी की रोकथाम के प्रति आमजन में जनजागृति एवं साफ-सफाई अपनाने के संदेश देने के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएगी। सराफ ने बताया कि अभियान के तहत पांच वर्ष से कम उम्र तक के दस्त से पीड़ित बच्चों के परिवारों को चिन्हित कर ओआरएस व जिंक टैबलेट वितरित की जाएगी एवं प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओ.आर.एस. व जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही बच्चों को स्वच्छता, पौष्टिक आहार एवं खाना खाने से पहले हाथ धोने के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।