राजस्थान सरकार ने रिसर्जेंट राजस्थान के जरिए प्रदेश की कायाकल्प बदलने का कार्य किया हैं। रिसर्जेंट राजस्थान का ही परिणाम है कि प्रदेश में स्किल डवलपमेंट, रोजगार के साधन, युवाओं की आत्मनिर्भरता, नये व उतकृष्ठ उद्योग फलीभूत हो रहे हैं। भाजपा सरकार ने रिसर्जेंट राजस्थान के जरिए विभिन्न कंपनियों से 3800 करोड के 470 एमओयू किए जिससे प्रदेश की तरक्की की नई गाथा लिखी जा रही हैं। आज करीब 5 हजार करोड़ रुपए का निवेश राजस्थान में हो चुका हैं। कांग्रेस बार-बार कहती हैं कि युवाओं को रोजगार नही मिला लेकिर वसुंधरा सरकार ने प्रदेश के 11 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाएं हैं। कांग्रेस सरकार ने किया हैं तो सिर्फ प्रदेश की सरकार को गुमराह। अपना स्वार्थ साधने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान की जनता के साथ छल किया हैं। हर योजना, कार्यक्रम में घोटाले कर अपने घरों को भरने का कार्य कांग्रेस शासन में ही हुआ हैं।

कांग्रेस की स्थिती खिसियानी बिल्ली के खंभा नोचने जैसी

सोमवार को राजस्थान सरकार ने सफलता के तीन साल पूरे किये हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा के सुराज से कांग्रेसी दुखी ओर मायूस दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यकारणी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ाने के निरर्थक आरोप लगाये। पायलट ने वसुंधरा सरकार के स्किल डवलपमेंट व युवाओं को रोजगार, रिसर्जेंट राजस्थान, शिक्षा, कानून व्यवस्था को लेकर राजस्थान सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। सचिन कि स्थिती खिसीयानी बिल्ली की जैसी हो रही है जिसके खुद की सरकार ने घोटाले और भ्रष्टाचार के अलावा कोई कार्य नही किया वह दूसरो पर आरोप कैसे लगा सकता हैं। यह सभी जानते है कि किस शासनाकाल में घोटाले व भ्रष्टाचार हुए हैं। राजस्थान की भाजपा सरकार ने प्रदेश के आम जन की हित का कार्य किया हैं ना कि जनता को लूटने का।

गहलोत सरकार के इन नेताओं ने बनाई राजस्थान की दागदार छवी

पीसीसी चीफ सचिन पायटल को यह सूचना शायद नही है कि राजस्थान की छवी को दागदार बनाने के लिए गहलोत सरकार के मंत्री ही जिम्मेदार हैं। भंवरी देवी कांड में महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह, इंद्रा विश्नोई जैसे नेता आज सलांखों के पीछे हैं तो वही महिला अत्याचार व दुष्कर्म के आरोपों में रामलाल जाट, बाबूलाल नागर, उदय लाल आंजना जैसे नेताओं ने राज्य को क्षति पहुंचाने का कार्य किया हैं।

गहलोत के घोटाले से बना राजस्थान बीमारु

गहलोत सरकार में राजस्थान में एक से बढ़कर एक घोटाले हुए थे। इनमे से 108 एंबुलेंस घोटाला, कमला बेनिवाल भू-घोटाला, मंडोर स्टोन पार्ट, जोधपुर खान आवंटन, वर्धा उदयपुर, जलमहल लीज मामला, फलोदी भू खरीद, पलासिया स्टेच्यु सर्किल, कालीसिंध बांध, नागौर लिफ्ट नहर, जिंदल शॉ खान आवंटन, गणपति कंस्ट्रक्शन एकल पट्टा प्रकरण, नागौर खान आवंटन घोटाला जैसे बडे बड़े घपलों से कांग्रेस सरकार अटी पड़ी हैं। सचिन पायलट को चाहिए कि पहले अपने नेताओं ओर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दामन में लगे दागो को साफ करे फिर किसी ओर पर आरोप लगाने के बारे में सोचे।

राजस्थान सरकार की योजनाओं के बारे में जाने पायलट

सचिन पायलट का मुल्यांकन का तरीका नोसिखियों के जैसा हैं। पायलट प्रदेश के युवा चेहरे हैं ऐसे में किसी को आंकने का तरीका नोसिखियों जैसा नही होना चाहिए। सचिन को चाहिए की वह राजे सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से जाने। राजे सरकार की भामाशाह योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, आरोग्य राजस्थान, ग्रामीण गौरव पथ, कौशल एवं आजीविका विकास, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, अन्नपूर्णा भंडार, न्याय आपके द्वार, ई-मित्र एवं संपर्क पोर्टल जैसी योजनाओं से राजस्थान को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा किया हैं।