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8 दिसंबर 2013 का दिन था जब राजस्थान की जनता ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की गहलोत सरकार को नकार भाजपा को बहुमत प्रदान किया था। प्रदेश की जनता ने अपनी कमान भाजपा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथों में सौंपी थी। आज ही के दिन प्रदेश की जनता ने अपना विश्वास भारतीय जनता पार्टी में दिखाया था। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में कांग्रेस को जड़ों से उखाड़ फेंका था। 8 दिसंबर 2013 को प्रदेश की जनता ने तय किया कि कांग्रेस का कुराज नही भाजपा का सुराज राजस्थान का विकास कर सकता हैं। आपकों बता दे कि 8 दिसंबर 2013 को राजस्थान विधानसभा चुनावों के परिणाम जारी हुए थे जिनमे भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश की सबसे ज्यादा 163 सीटे जीतने में सफलता हासिल की थी।

8 दिसंबर 2013 को रुझानों से विरोधी आ गये थे सकते में

8 दिंसबर 2013 को सुबह 199 सीटों पर वोटों की गिनती शुरु हुई । काउंटिंग के शुरु होने के बाद से सभी सीटों से रुझान भाजपा की और आ रहे हैं। इससे कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी के आलाकमान सकते में आ गये थें। विरोधियों ने तो यहां तक कहना शुरु कर दिया था कि भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार किया हैं लेकिन क्या कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ कुछ नही किया । राजस्थान की जनता गहलोत सरकार के घोटालों से परेशान हो चुकी थी। गहलोत सरकार ने अपने शासन में कई घोटाले किए और प्रदेश की जनता को विकास के नाम पर लूटने का कार्य किया। ऐसे में राजस्थान की जनता गहलोत सरकार से त्रृस्त हो चुकी थी। प्रदेश की जनता को विकास के नाम पर लॉलीपॉप दिया जा रहा था जिसे जनता ने समझा और कांग्रेस पार्टी को घर का रास्ता दिखाया।

राजस्थान में भाजपा को मिला एतिहासिक बहुमत

विधानसभा परिणामों ने यह साबित कर दिया कि अगर देश और प्रदेश में कोई विकास कर सकता हैं तो वह भारतीय जनता पार्टी ही हैं इसीलिए देश प्रदेश की जनता ने भाजपा को भारी मतों से समर्थन दिया। राजस्थान में किसी भी पार्टी को इस स्तर पर बहुमत इतिहास में कभी नही मिला। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को ना केवल विधानसभा चुनाव वरन लोकसभा चुनाव में भी पटखनी दी। कांग्रेस पार्टी अपनी उम्मीदों के साथ औंधे मुंह जमीन को गिरी।

कांग्रेस के आला नेताओं को भी करना पड़ा हार का सामना

2013 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की सीटे भी बड़ी मुश्किलों से बची थी। यहां तक की देश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने केंद्रीय मंत्री रहे नेताओं पर हार का संकट मंडराने लगा था और कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को हार का सामना करना पडा। यही कारण था कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व वाली भाजपा ने प्रदेश में 163 सीटों पर जीत हासिल की और सत्ताधारी पार्टी जिसकी कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों में थी 21 सीटों पर सिमट कर रह गई। गहलोत जोधपुर के सरदार पुरा से अपनी सीट बचाने में कामयाब हुए लेकिन बुरे ख्यालों से गहलोत जी के भी पसीने छूट गये थें।

जिला स्तर पर मनाएंगी सरकार अपने तीन साल

राजस्थान सरकार इस बार अपनी तीसरी वर्षगांठ मनाने जा रही हैं। इस बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न जयपुर या किसी एक स्थान पर नही बल्कि पूरे प्रदेश में मनाने जा रही हैं। इस जश्न की थीम पूरी तरह से भिन्न हैं। इस बार राजस्थान सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न मनाएंगी। 13 दिंसबर से बीकानेर से शुरु होने वाले कार्यक्रमों का अंत जनवरी 21 को जयपुर में होगा। इन कार्यक्रमों के ज़रिए प्रदेश सरकार विभिन्न मंत्रियों, सांसदों, विधायकों से जिला स्तर पर जनता को राजस्थान सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों की जानकारी देकर जागरुकता के रुप में मनाएंगी।