प्रदेशवासियों की लंबे समय से राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है। इस संबंध में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संकेत दिए है। शेखावत ने बुधवार को जयनारायण व्यास विवि में छात्रसंघ महासचिव कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के पुरजोर प्रयास कर रही है। शेखावत ने प्रदेशवासियों की इस मांग के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी बात की है। शेखावत ने बताया कि पीएम मोदी के समक्ष इस मांग को उठाने पर उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया है।
शेखावत ने संभावना जताई है कि आने वाले कुछ दिनों में ही राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस कोशिश में लगे हुए हैं कि राजस्थानी भाषा को भी अन्य भाषाओं के समान ही किसी तरह से संवैधानिक मान्यता मिल जाएं। हिन्दी, ब्रजभाषा, मेवाती, मारवाड़ी, जैसी कई भाषाओं के मिश्रित झुंड को राजस्थानी भाषा के रूप में जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि जब संविधान लागू हुआ था तब महज 8 भाषाओं को ही मान्यता प्राप्त थी। उसके बाद संख्या बढ़ते हुए अब तक 22 भाषाओं को संवैधानिक मान्यता मिल चुकी है।
हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान शपथ लेते समय कई विधायकों ने भी राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की मांग की थी लेकिन प्रोटेम स्पीकर ने मान्यता नहीं मिलने की वजह से इससे इंकार कर दिया था। राजस्थान की जनता को एक बार फिर से राजस्थानी भाषा को जल्द ही मान्यता मिलने की उम्मीद जगी है।