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Rajasthan Yamuna water will be brought through pipeline, 500 new RO Plants will also be installed.

राजस्थान सरकार प्रदेशभर में खेती के लिए पेयजल आपूर्ति और पीने के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में ​निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश के स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार आमजन को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। यमुना का पानी पाइप लाइनों के माध्यम से लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी गर्मी में संपूर्ण प्रदेश में पेयजल की कहीं कमी नहीं आने दी जाएगी। मंत्री गोयल ने प्रत्येक क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को आकस्मिक कार्यों के लिए माह अप्रैल में प्रत्येक जिले के लिए 50 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने साथ ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अधिकतम 100 हैण्डपम्प की स्थापना की घोषणा की, जिसे जनप्रतिनिधियों की मांग और फिजीबिलिटी देखकर शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे।

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File-Image: राजस्थान में पाइप लाइन के जरिए लाया जाएगा यमुना का पानी, 500 नए आर.ओ.प्लांट भी लगाए जाएंगे.

72 अरब, 55 करोड़ 93 लाख 32 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने शुक्रवार को विधानसभा में मांग संख्या-27 पेयजल योजना पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने पेयजल योजना की  72 अरब, 55 करोड़ 93 लाख 32 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। मंत्री गोयल ने कहा कि पिछली सरकार पांच वर्षों में महज 12 हजार 225 करोड़ रुपए खर्च कर पाई, वहीं वर्तमान सरकार ने चार वर्षों में ही 18 हजार 337 करोड़ रूपये खर्च कर दिए हैं। राज्य में अब तक कुल 3 हजार 192 जनता जल योजनाओं को दुरूस्त कर पुनः चालू करने के लिए 389.66 करोड़ रुपए की राशि की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति कर कार्य हाथ में लिया गया है। इनमें से 2 हजार 697 योजना पूर्ण की जा चुकी है। बीसलपुर बांध के समीप स्थित सूरजपुरा में अतिरिक्त जलशोधन संयंत्र निर्माण किया जाएगा। साथ ही सूरजपुरा से बालावाला तक 97 किलोमीटर लंबी दूसरी मुख्य पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना पर 1 हजार करोड रूपए की लागत संभावित हैं।

सरकार सभी 33 जिलों में सचल प्रयोगशाला की स्थापना करने का करेगी प्रयास

राजस्थान सरकार ने प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में जल गुणवत्ता नियंत्रण एवं निगरानी के कार्य के लिए 20 जिलों में सचल प्रयोगशाला की स्थापना का कार्य आदेश दे दिया है। सरकार सभी 33 जिलों में सचल प्रयोगशाला की स्थापना करने का प्रयास करेगी। प्रदेश में गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री द्वारा 5000 आर.ओ. प्लान्ट एवं अन्य संयंत्रों के स्थापना की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2018-19 में स्वीकृत नए 500 आर. ओ. प्लांट तथा 500 सोलर डीएफयू सहित हम कुल 3552 आर. ओ. प्लान्ट एवं 1800 सौर उर्जा आधारित डी-फ्लोरीडेशन संयंत्रों की स्थापना का कार्य माह अक्टूबर, 2018 से पूर्व ही स्थापित किए जाएंगे।

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बजट में 13 जिलों के लिए परियोजनाएं घोषित, दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी

जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने विधानसभा में शुक्रवार को अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि यमुना का पानी पाइप लाइनों के माध्यम से लाया जाएगा। ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) से तेरह जिलों को पेयजल के साथ दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। मंत्री डॉ. रामप्रताप सदन में मांग संख्या 46 सिंचाई (इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित) पर हुई बहस का जबाव दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने सिंचाई (इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित) की 40 अरब 38 करोड़ 49 लाख 1 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। मंत्री डॉ. रामप्रताप ने कहा कि बहुप्रतिक्षित परवन परियोजना पर कार्य प्रारभ्भ किया जा चुका है तथा बांध व टनल की खुदाई का कार्य वर्तमान में प्र​गति पर है। परियोजना के प्रथम चरण में 1.31 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ 1821 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा तथा 2790 मिलियन घन फीट जल तापीय विद्युत उत्पादन के लिए दिया जा सकेगा।