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Aaspur sub-division officer has done an APO On the instructions of Chief Minister Raje.

राजस्थान के लाखों किसानों के लिए एक बड़ी खुशख़बरी है। वर्तमान राजस्थान सरकार किसानों को 10 लाख रुपए तक की सामाजिक सुरक्षा देगी। राजे सरकार प्रदेश के करीब 25 लाख किसानों का बीमा कराएगी। फसली ऋण लेने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा। दरअसल, प्रदेश में राज. सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना लागू कर दी गई है। इस योजना की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणा की थी। योजना के तहत राज्य के किसानों का 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा किया जाएगा। इसके लिए सहकारिता विभाग के प्लान को अंतिम मंजूरी मिल गई है। यह बीमा 1 अप्रैल, 2018 से 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए होगा।

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File-Image: राजस्थान: 25 लाख किसानों का बीमा कराएगी राजे सरकार, लहसुन खरीद केन्द्रों को दी मंजूरी.

वित्तीय वर्ष में ब्याज मुक्त फसली ऋण लेने वाले किसान होंगे योजना में शामिल

वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजस्थान के 25 लाख से अधिक किसानों को 16,000 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण बांटा जा रहा है, जिन किसानों को यह ऋण बांटा जाएगा वे सभी इस दुर्घटना बीमा लाभ की योजना में शामिल होंगे। किसान की सड़क, आग एवं रेल दुर्घटना से, डूबने से, विष या कीटनाशक दवाइयों के प्रभाव से, विद्युत आघात से विद्युत द्वारा जलने से, हत्या, ऊंचाई से गिरने पर, सांप या जानवर के काटने से अपंग या मृत्यु होती है तो बीमित व्यक्ति या उनके परिजनों को बीमा का लाभ मिलेग। बीमित किसान के आंख, हाथ या पैर में से किसी एक अंग की स्थायी अपंगता पर 5 लाख रुपए। किन्ही दो अंगों की स्थाई अपंगता अथवा दुर्घटना में मृत्यु पर 10 लाख रुपए का बीमा लाभ किसान को मिलेगा।

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निम्बाहेड़ा, कोटा, अन्ता, सुल्तानपुर और जोधपुर में लहसुन खरीद केन्द्र को मंजूरी

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किसानों को राहत देते हुए निम्बाहेड़ा कृषि उपज मंडी सहित प्रदेश की कई मंडियों में लहसुन खरीद केन्द्र स्वीकृत किए हैं। इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए है।  निम्बाहेड़ा के अलावा फल सब्जी मंडी कोटा, बारां जिले के अन्ता, कोटा जिले के सांगोद व सुल्तानपुर तथा जोधपुर में भी लहसुन क्रय केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। इन केन्द्रों पर राजफैड के माध्यम से लहसुन की खरीद होगी। बता दें, इससे पहले  राजे की पहल पर केन्द्र ने रवी सीजन के लिए प्रति किसान फसल खरीद की सीमा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल की थी। इसे देखते हुए किसानों की सुविधा के लिए और नए खरीद केन्द्र खोले गए।