Rajasthan: President honored Saint Narayandas Maharaj with Padmashree Award.

राजस्थान के संत नारायणदास महाराज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के चौथे सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘पद्मश्री’ अवॉर्ड से सम्मानित किया। जयपुर के शाहपुरा स्थित त्रिवेणी धाम के पीठाधीश्वर नारायण दास महाराज को यह अवार्ड अध्यात्म के क्षेत्र में किए उत्कृष्ठ कार्यों के लिए दिया गया है। इनके अलावा राजस्थान से सिरोही के महाराव रघुवीर सिंह को भी पद्मश्री अवॉर्ड प्रदान किया गया है। रघुवीर सिंह को शिक्षा के क्षेत्र में अवॉर्ड दिया गया। बता दें, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यह सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई थी।

Image: राजस्थान: संत नारायणदास महाराज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ‘पद्मश्री’ अवॉर्ड से सम्मानित करते हुए.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर प्रतिष्ठित ‘पद्म’ पुरस्‍कारों की घोषणा की गई

हाल ही में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर प्रतिष्ठित पद्म पुरस्‍कारों की घोषणा की गई थी। इस बार कुल 85 लोगों को पद्म पुरस्‍कारों से सम्मानित किया गया है। तीन विभूतियों को पद्म विभूषण, नौ को पद्म भूषण और 73 को पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया है। सूची में विदेशी व ओसीआई श्रेणी से पहली बार एक साथ 16 लोग थे। अमूमन इनकी संख्या 6-7 से कम रहती थी।राजस्थान से इस बार दो लोगों को पद्मश्री अवॉर्ड मिला है। 2018 में इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए 15,700 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। 2017 में 89 लोगों को पद्म पुरस्कार दिए गए थे, जिनमें सात-सात पुरस्कार पद्म विभूषण और पद्म भूषण के थे।

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सीएम राजे ने दी थीं बधाई एवं शुभकामनाएं, अब तक 4502 लोगों को मिल चुका है ‘पद्म’

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए नारायण दास महाराज एवं महाराव रघुवीर सिंह का चयन होने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी थीं। सीएम राजे ने अवॉर्ड घोषणा के बाद कहा था ​कि नारायण दास महाराज ने अध्यात्म के क्षेत्र में और रघुवीर सिंह ने साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देते हुए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त कर राजस्थान का गौरव बढ़ाया है। जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1947 से 2018 तक कुल 4502 विभूतियों को देश के प्रतिष्ठित ‘पद्म’ पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें, जब नारायणदास महाराज को यह सम्मान दिए जाने की घोषणा की खबर मिल थी तो उन्होंने बड़ी सादगी से कहा था कि उन्होंने कोई कार्य नहीं किया है जिससे उनका सम्मान हो। सब काम जनता ने किए हैं। महाराज गुजरात के डाकोर धाम के ब्रह्मपीठाधीश्वर की गद्दी पर भी महंत आसीन है।