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राजस्थान सहित देशभर में कोयले की कमी के कारण सभी थर्मल पावर स्टेशन पर बिजली उत्पादन क्षमता लगभग आधी हो गई है। ऐसे में बिजली की मांग और आपूर्ति में सामांजस्य स्थापित करना विद्युत विभाग के लिए थोड़ा मुश्किल हो गया है। लेकिन राजस्थान को बिजली संकट से जल्द राहत मिल सकती है। कोयला संकट से जुझ रहे कोटा थर्मल में अब कोयला सप्लाई सामान्य होने के आसार हैं, जिसके बाद बंद इकाइयों से भी बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जानकारी के अनुसार, कोटा थर्मल में सोमवार को भी चार रैक कोयला पहुंचा और 14 रैक कोयला रास्ते में बताया जा रहा है, जो कि आने वाले कुछ दिनों में कोटा पहुंच जाएगा। इसके बाद हालात सुधरने की उम्मीद की जा रही है।

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48 घंटे में एक दर्जन से अधिक रैक पहुंची कोटा: बिजली की मांग को पूरा करने के लिए तीसरी, चौथी और छठी यूनिट से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है और कोयले का पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए पांचवी यूनिट को लाइटअप किया है। साथ में सातवी यूनिट को भी शुरू करने की पूरी तैयारी है। वहीं 110-110 मेगावाट की पहली और दूसरी यूनिट फिलहाल शटडाउन पर हैं और रखरखाव पूरा होने के बाद लोड डिस्पेच सेंटर की अनुमति लेकर उससे भी विद्युत उत्पादन शुरू किया जा सकेगा। कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए बिलासपुर और झारखंड में उच्चाधिकारियों को भेजा गया, जिसके बाद थर्मल में 48 घंटे में एक दर्जन से अधिक कोयले की रैक पहुंची और विद्युत उत्पादन में सुधार हुआ है। पिछले कुछ दिनों से बिजली उत्पादन में कमी को देखते हुए राज्य में कहीं दो घंटे तो कहीं तीन घंटे बिजली कटौती की जा रही है।