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Rajasthan has been ranked first in the incremental change in the overall water management index.

हाल ही में प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राज्य में किए नवाचारों के लिए ‘पर्सन आॅफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद अब राजस्थान को समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के संदर्भ में प्रथम श्रेणी में रखा गया है। समग्र जल प्रबंधन सूचकांक पर नीति आयोग द्वारा गुरुवार को नई दिल्ली में जारी रिपोर्ट में सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के संदर्भ में (2015-16 स्तर) सभी राज्यों में राजस्थान को प्रथम श्रेणी में रखा गया। इस रिपोर्ट को गुरुवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और पोतवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने जारी किया। इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और जल संसाधन, पेयजल एवं सफाई औक ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव/वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। गौरतलब है कि सहयोगी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद हासिल करने के उद्देश्य से नीति आयोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में विकास संकेतकों पर जोर देता रहा है।

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File-Image: समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव में राजस्थान को प्रथम श्रेणी.

नीति आयोग ने तैयार की समग्र जल प्रबंधन सूचकांक पर रिपोर्ट

नीति आयोग ने फरवरी, 2018 में ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ पर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य मानकों के आधार पर राज्यों/केन्द्र प्रशासित प्रदेशों को अलग-अलग श्रेणी दी गई थी। जीवन में जल के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआ) पर एक रिपोर्ट तैयार की है। समग्र जल प्रबंधन सूचकांक जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आकलन और उनमें सुधार लाने का एक प्रमुख साधन है। ऐसा जल संसाधन और पेयजल एवं सफाई मंत्रालयों और सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की साझेदारी के साथ जल आंकड़ा संग्रहण अभ्यास के जरिए किया जा चुका है। यह सूचकांक राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा जिससे वे अच्छी रणनीति बना सकेंगे और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में उसे लागू कर सकेंगे। इसके साथ ही इस विषय पर एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

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रिपोर्ट में विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल

गुरुवार को जारी रिपोर्ट में सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के संदर्भ में (2015-16 स्तर) सभी राज्यों में राजस्थान को प्रथम श्रेणी में रखा गया जबकि पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा प्रथम स्थान पर रहा। समीक्षा के उद्देश्य से राज्यों को दो विशेष समूहों- ‘पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्य’ और ‘अन्य राज्य’ में बांटा गया।  नीति आयोग ने भविष्य में इसे सालाना स्तर पर प्रकाशित करने का प्रस्ताव किया है। बात दें, समग्र जल प्रबंधन सूचकांक को नीति आयोग ने विकसित किया है। इसमें भूजल, जल निकायों की पुर्नस्थापना, सचाई, खेती के तरीके, पेयजल, नीति और प्रबंधन (बॉक्स-1) के विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं।