Rajasthan government will soon make PPP model in city of Jaipur 5 old age home.

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में एकाकी जीवन जीने वाले वृद्धाजनों की बढ़ती संख्या को ध्यान रखते हुए एक बड़ा फैसला किया है। वसुंधरा राजे सरकार इस दिशा में पहल करते हुए जयपुर शहर में पीपीपी मॉडल पर पांच वृद्धाश्रम बनाने जा रही है, जिससे शहर के वृद्धाजनों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। वृद्धाश्रमों की कार्ययोजना तैयार करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं। जयपुर स्थित अंबेडकर भवन सभागार में सोमवार को विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री चतुर्वेदी ने यह जानकारी दी।

                                                  राजे सरकार जयपुर शहर में पीपीपी मॉडल पर पांच वृद्धाश्रम बनाएगी.

इन योजनाओं को भी तैयार करने के दिए निर्देश: अंबेडकर भवन सभागार में आयोजित इस बैठक में मंत्री डॉ. चतुर्वेदी ने आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल के लिए कोचिंग योजना में प्रवेश दिलाने, दो किलोमीटर से अधिक दूरी के छात्रावासों के बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल उपलब्ध करवाने जैसी योजनाओं को तैयार करने के भी निर्देश दिए गए। इनके ​अलावा सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़े वर्ग के बच्चों को आर्थिक सहायता देने, लावारिस लाशों के दाह-संस्कार के लिए जिलों में स्वयंसेवी संस्थाओं का चयन करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

इन पर की गई समीक्षा: इस बैठक में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति, देवनारायण योजना, गुरूकुल योजना, गाडिया लुहार योजना, पालनहारों को भामाशाह से जोड़ने, पेंशनरों को खाद्य सुरक्षा योजना के पोर्टल से जोड़ने, सहयोग एवं उपहार योजना के लंबित प्रकरणों को तत्परता से निपटाने, पेंशन योजना के पोर्टल पर लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण आदि की समीक्षा की गई। बैठक में विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट का 66 प्रतिशत अब तक व्यय किया जा चुका हैै। राजस्थान सरकार द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है।

Read More: राजस्थान सरकार के इस एमओयू से प्रदेश के 30 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

बैठक में ये रहे उपस्थित: अंबेडकर भवन सभागार में आयोजित इस बैठक में अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) संचिता बिश्नोई, अतिरिक्त निदेशक (पेंशन) डी.सी.चौधरी, अतिरिक्त निदेशक (छात्रवृत्ति) महावीर सिंह, अतिरिक्त निदेशक (देवनारायण) डालचन्द वर्मा, अतिरिक्त निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) अशोक जांगिड़, सहायक निदेशक सुभाष चन्द्र शर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।