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राजस्थान के मारवाड़ में पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा बाढ़ को तो रोका नहीं जा सकता था लेकिन वहां सही समय पर प्रबंधन कर सरकार ने बेहतरीन तरीके से स्थिति को नियंत्रण में जल्द ही ले लिया। आपदा की सूचना मिलते ही त्वरित कार्यवाही कर और आपदा प्रभावितों को हर तरह की सहायता देकर सरकार ने अच्छे से हालात संभाले रखे। अब इन इलाकों में बारिश रुक गई है। जिससे यहाँ हालात सामान्य बन गए हैं। इन चार ज़िलों के 1290 गाँवों को सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके अभावग्रस्त घोषित कर दिया। अब राज्य के इन गाँवों को सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी।

प्रधानमन्त्री ने की थी अनुदान की घोषणा:

राजस्थान के ज़िलों में बाद आने के बाद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में दौरे किए थे। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे सभी कारगर उपायों का फीडबैक लिया था। मुख्यमंत्री राजे ने हरसंभव सहायता इन ज़िलों के प्रभावित जनों तक पहुंचाई है। इसी के साथ भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से इस त्रासदी में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50 हज़ार रूपए के अनुदान देने की घोषणा की थी। इस दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमन्त्री राहत कोष की तरफ से 2 – 2 लाख रूपए की सहायता राशि की घोषणा भी प्रधानमन्त्री ने की थी।

सभी 1290 गाँवों को सरकार देगी अनुदान:

बाढ़ग्रस्त ज़िलों पाली, सिरोही, जालोर और बाड़मेर के वे गाँव जिनमें अभी भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं और जिनमे इस त्रासदी के कारण ख़ासा नुकसान हुआ है, ऐसे 1290 गाँवों को राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अभावग्रस्त घोषित किया है। सम्बंधित ज़िलों के कलेक्टरों ने आसपास के गाँवों में हुए फसल के नुकसान का सर्वे कर एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। गौरतलब है कि कसानों की खरीफ की फसल को इस बाढ़ से बहुत हानि हुई है। खरीफ फसल-2017 में बाढ़ से हुए इस खराबा की तैयार रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने चारों जिलों के कुल एक हजार 290 गांवाेंं को अभावग्रस्त घोषित किया है। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पाली ज़िलें के 621 गाँव, सिरोही के 348 गाँव, जालौर ज़िलें के 260 गाँव तथा बाड़मेर जिले के 61 गांवों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया गया है। सरकार द्वारा इस अधिसूचना के जारी होने के बाद से 31 अगस्त, 2017 तक इन प्रभावित गांवों में राजस्थान एफेक्टेड एरियाज (सस्पेंशन ऑफ प्रोसिडिंग्स) एक्ट, 1952 (राजस्थान अधिनियम संख्या 21 सन् 1952) अधिनियम की धारा 5 से  10 तक के प्रावधान लागू रहेंगे।