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Image: रॉबर्ट वाड्रा.

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा बुधवार को मनी लॉन्डरिंग से जुड़े मामले में पूछताछ के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय में पेश हुए। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने वाड्रा से 42 सवाल पूछे। इसके बाद अब ईडी की राजस्थान इकाई भी 12 फरवरी को रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ करेगी। वाड्रा को 12 फरवरी को जयपुर क्षेत्रीय प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय पर अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांच में सहयोग के लिए जयपुर पहुंचना होगा। प्रवर्तन निदेशालय वाड्रा से उसकी कंपनियों द्वारा बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में जमीन खरीद मामले में पूछताछ करेगी। इस क्षेत्र में जमीनों की खरीद के मामले में ईडी की ओर से की गई जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं।

क्षेत्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा से पूछे जाने वाले सवाल किए तैयार

क्षेत्रीय प्रवर्तन निदेशालय रॉबर्ट वाड्रा से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की जमीनों की सौदेबाजी से जुड़े सवालों के जवाब मांग सकती है। इसके लिए ईडी के क्षेत्रीय अधिकारियों ने मामले में पूछे जाने वाले सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है। ईडी द्वारा की गई जांच में मिली गड़बड़ी के बाद जमीनों की सौदेबाजी में दलाल रहे जयप्रकाश को भी गिरफ्तार किया गया था। दलाल जयप्रकाश की गिरफ्तारी और जमीनों की सौदेबाजी में सामने आई अनियमितताओं के बाद ईडी ने इस सौदे की सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। बता दें, मनी लॉन्ड्रिंग केस के इस मामले में इनदिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की जा रही है। इससे पहले वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जहां उन्हें 16 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत मिल गई थी।

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क्या है रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग केस?

साल 2014 में राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने जमीन घोटाला मामले में गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर केस दर्ज कराया था। हालांकि पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि वाड्रा की कंपनी को 69.55 हैक्टेयर जमीन फर्जी कागजात के आधार पर बेची गई थी और छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जानकारी के अनुसार वाड्रा की कंपनी द्वारा यह जमीनें साल 2010 में खरीदी गई थी। बीकानेर के कोलायत में 16 लोगों के नाम महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में साल 2006-07 में जमीन आवंटित की गई थी। बाद में गलत तरीके से साल 2010 में वाड्रा की कंपनी को जमीन बेचने का मामला सामने आया। तब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और वर्तमान सीएम अशोक गहलोत ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 2014 में वसुंधरा सरकार सत्ता में आई और इस जमीन सौदे को रद्द कर दिया गया। वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने यह जमीन फर्जी तरीके से बहुत ही कम कीमत में खरीदी थी। रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के डायरेक्टर वह खुद और उनकी मां मॉरीन वाड्रा हैं। इस कारण केस में दोंनों का ही नाम शामिल है।