राजस्थान के समग्र एवं चहुंमुखी विकास के लिए यह जरूरी है कि राज्य के युवा राष्ट्रीय एवं विश्व परिदृश्य पर अपने हुनर के बलबूते मजबूती के साथ उभरें और स्वावलम्बी बनें। कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, बिजली, पानी एवं सड़क आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास से ही राजस्थान में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी । युवाओं का विभिन्न क्षेत्रों में कौशल बढ़ाने से उनके लिए रोजगार के नये अवसर खुलेंगे। साथ ही राज्य का सर्वांगीण विकास भी होना संभव हैं।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रोजगार दिलाने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की स्थापना की । इसके द्वारा प्रदेश के युवा को कौशल विकास व आजीविका के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे युवा हर स्तर पर सफल बने और राजस्थान के विकास में अपनी भूमिका निभाएं। प्रदेश में 10 लाख लोगों को रोज़गार के अवसर मुहैया करवाए गए। 1 लाख  युवाओं को सरकारी क्षेत्र में नियमित नियुक्तियां दी गईं।

युवाओं को रूचि के अनुसार दिया जा रहा हैं रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण

राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित कौशल प्ररिक्षण के भव्य लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा विभन्न कौशल परिक्षण के लिए कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे है जिसमे 18 से 35 वर्ष आयु वाले प्रशिक्षणार्थियों के उनकी रूचि के अनुसार उनको प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को विकसित कर उन्हें रोजगार दिलवाने से है। इनके प्रशिक्षण में किसी भी प्रकार की कमी न रहे इसके लिए प्रशिक्षण की गुणवता की समय समय पर जांच करना, प्रशिक्षण समाप्ति इज असेस्मेंट करना आदि कार्य किये जा रहे है।

15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है और कौशल एवं आजीविका विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान प्रदेश में कौशल एवं आजीविका विकास का बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया था। इस कार्यक्रम को इस बार भी बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।  राज्य में 15 लाख युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य के युवाओं को मिलेगा हर क्षेत्र  में मौका

राज्य के युवा हुनरमंद नही होंगे तो बाहर के लोग मौके का फायदा उठा लेंगे। इसलिए प्रदेश के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल एवं आजीविका विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाए। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा राजस्थान में दिलचस्पी से इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की दिशा में मदद मिलेगी।

राज्य सरकार के द्वारा पिछले एक वर्ष में ASSOCHAM द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्किल समिट 2014-15 में राजस्थान को Best State in Skill Development के अवार्ड के लिया चुना गया।

वर्तमान में राजथान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा किये जा रहे कार्य 

रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (ELSTP) :  इस कार्यक्रम में निगम युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया है कई युवाओं को रोजगार भी दिया गया है।

नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (RSTP) : इस कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश के हज़ारों युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) : निगम के द्वारा इस सन्दर्भ में 43 Project Implementing Parters (PIAs) के साथ MoU पारित किये गए है।

कनवर्जेंस योजना  (Convergence Intitiative)

कौशल विकास का समग्र प्रयास

प्रदेश की महिलाओं, युवाओं एवं विशेष योग्यजन के स्वरोजगार व कौशल विकास हेतु राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा तीन योजनाओं क्रमशः रोजगारपरक लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम ¼ELSTP½, नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम व पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न ट्रेडों के प्रशिक्षण हेतु ELSTP के अंतर्गत 65 एजेंसियों एवं 5 इंडस्ट्री पार्टनर के साथ MOU किए जा चुके हैं। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा लगभग 70485 युवाओं को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया गया है। 28433 युवाओं को विभिन्न निजी क्षेत्र की संस्थानों में रोजगार के अवसर प्रदान किए गये है। रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाने के लिए । Apprenticeship Act 1961 में आवश्यक संशोधन किए गए। ITEES सिंगापुर के साथ उदयपुर राजकीय ITI को hospitality क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। Toyota, Samsung, Caterpillar व अन्य उद्योगों के साथ ITIs में उद्योग आधारित कार्यक्रम प्रारंभ किये जा रहे हैं।