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Rajasthan Assembly Election: BJP reinstates all Jodhpur legislators.

प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हाल ही में बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी। बीजेपी की ओर से रविवार देर रात 131 प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही राजस्थान में चुनावी सरगर्मियां और तेज हो गईं है। पहली लिस्ट में जोधपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। केन्द्रीय व राज्य नेतृत्व ने जोधपुर जिले के अपने सभी विधायकों पर जीत का पूरा भरोसा जताया है। इसलिए यहां से एक भी विधायक का टिकट नहीं काटा गया है। जोधपुर शहर विधायक कैलाश भंसाली ने खुद ही राजनीति से संन्यास ले लिया था और उन्होंने अपने भतीजे अतुल भंसाली को करीब सालभर पहले से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रखा था, पार्टी ने इस सीट से अतुल को ही टिकट दिया है। इसी तरह सरदारपुरा से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काे कड़ी टक्कर देने वाले शंभूसिंह खेतासर को भी फिर वही जोर दिखाने का अवसर दिया है।

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Image: भारतीय जनता पार्टी.

अब जोधपुर के लोग पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के भरोसे में नहीं

बीजेपी ने जोधपुर की सभी दसों सीटों पर पुराने चेहरे उतारे हैं। इसके पीछे पार्टी का यह भी सोचना है कि जोधपुर के लोग अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरोसे में नहीं है। सरदारपुरा सीट के अलावा अन्य सीटों पर गहलोत का दबदबा नहीं है। पिछली बार जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी यहां के लोगों ने 6 सीटें बीजेपी की झोली में डाली थी, यहां तक की शहरी सीटें जोधपुर शहर व सूरसागर भी गहलोत के हाथ से निकल गई थी। इस दौर में मोदी लहर भी नहीं थी। बीजेपी ने राजस्थान के टिकटों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फ्री-हैंड दिया। यही कारण है कि राजे अपने विश्वस्त व खेमे के विधायकों को टिकट दिलाने में कामयाबी रही है। जोधपुर शहर से उप महापौर देवेन्द्र सालेचा व सूरसागर से घनश्याम ओझा के नाम भी आगे आए थे, मगर सीएम राजे का भरोसा कैलाश भंसाली व सूर्यकांता व्यास पर ज्यादा रहा है। कैलाश की जगह उनके भतीजे अतुल भंसाली को टिकट दिया गया है। शेगरढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ करीब तीन साल तक राजे से नाराज चल रहे थे, परंतु बाद में वे भी वसुंधरा राजे खेमे के पक्के सिपाही बन गए।

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जैतारण से विधायक और मंत्री सुरेन्द्र गोयल का कटा टिकट

वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री लोहावट विधायक गजेन्द्र सिंह खींवसर, भोपालगढ़ से विधायक कमसा मेघवाल, बिलाड़ा से विधायक अर्जुनलाल गर्ग जो आधे समय मंत्री रहे, बाली से विधायक पुष्पेंद्रसिंह राणावत, पचपदरा से विधायक अमराराम चौधरी व सिरोही से विधायक ओटाराम देवासी को फिर से प्रत्याशी बनाया गया है। इसी तरह संसदीय सचिव में ओसियां से विधायक भैराराम चौधरी (सियोल) और गुड़ा मालानी से विधायक लादूराम विश्नोई का टिकट भी बरकरार रखा गया है। सिर्फ जैतारण से विधायक रहे और मंत्री बने सुरेंद्र गोयल का टिकट कटा है। पाली जिले में वसुंधरा सरकार के मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल का टिकट कट गया और सोजत में नया चेहरा उतारा है। सुमेरपुर का टिकट पहली लिस्ट में नहीं आया है। ऐसे ही बाड़मेर जिले की बाड़मेर सीट पर पिछला चुनाव हारी प्रियंका चौधरी को दुबारा मौका नहीं मिला, उनकी जगह सांसद कर्नल सोनाराम को मैदान में उतारा है। जालोर जिले में आहोर से शंकरसिंह का टिकट काट कर छगनसिंह राजपुरोहित, जालोर में अमृता मेघवाल की जगह जोगेश्वर गर्ग व सांचौर से जीवाराम की जगह दानाराम चौधरी को मौका दिया है।