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Rajasthan: Admission to Non NOC private colleges will be canceled.

प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना एनओसी के संचालित निजी कॉलेजों में प्रवेश निरस्त होंगे। शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही राजस्थान सरकार ने 151 प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ जांच बैठा दी है और 17 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी गई है। कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय के मुताबिक ये कॉलेज बिना एनओसी के चल रहे है। आयुक्त कॉलेज शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर सरकारी कॉलेज प्राचार्यों से संबंधित जिलों की तहसील में आवंटित कॉलेज की जांच रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर मांगी है। इन कॉलेजों की एनओसी नहीं होने की जांच में पुष्टि होने के बाद कॉलेज निदेशालय प्रथम वर्ष के एडमिशन निरस्त करने जैसी बड़ी कार्रवाई कर सकता है। साथ ही संबंधित विश्वविद्यालय को भी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।

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File-Image: बिना एनओसी संचालित निजी कॉलेजों में प्रवेश निरस्त होंगे.

कॉलेज आयुक्तालय ने वेबसाइट पर 151 प्राइवेट कॉलेजों के नाम किए जारी

राजस्थान कॉलेज आयुक्तालय ने अपनी वेबसाइट पर 151 प्राइवेट कॉलेजों के नाम जारी कर दिए है। जिससे स्टूडेंट्स और पैरेंट्स कॉलेज शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर इन कॉलेजों के नाम जान सकते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रवेश के बाद इन कॉलेजों के नाम सार्वजनिक करना स्टूडेंट्स के लिए परेशानी थोड़ी परेशानी पैदा कर सकता है। अगर शैक्षणिक सत्र शुरु होने से पहले कॉलेज आयुक्तालय ये निर्णय लेता तो विद्यार्थियों को इसका फायदा हो सकता था।

किस जिले के कितने कॉलेज है बिना एनओसी के..

प्रदेश के अलवर जिले में 23 कॉलेज, झुंझुनूं जिले में 19, हनुमानगढ़ में 12, श्रीगंगानगर जिले में 11, सीकर में 12, चूरू में 8 कॉलेज, जयपुर में 6, दौसा में 6, बूंदी में 5, धौलपुर जिले में 4, भरतपुर में 4, बारां में 4, अजमेर में 4 और कोटा जिले में 4 प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ जांच की जा रही है।

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इन बिंदुओं के आधार पर की जा रही जांच

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों को निजी महाविद्यालयों की संचालन, भवन, स्टाफ के फोटोग्राफ्स, यूनिवर्सिटी द्वारा जारी अंतिम संबद्धता प्रमाण पत्र, राज्य सरकार द्वारा जारी अंतिम अनापत्ति प्रमाण-पत्र, स्ट्रीम व क्लास वाइज स्टूडेंट्स संख्या के बारे जांच करके रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए है। जांच के बाद प्रदेश में बिना एनओसी के चल रहे कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। कॉलेज आयुक्तालय मान्यता रद्द होने वाले कॉलेजों के छात्रों के हितों में कुछ  राहत भरा फैसला ले सकता है।