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Removal of compulsory employee retirement on being more than three children by the Raje Govt.

वसुंधरा राजे सरकार ने राजस्थान के अस्थाई व्यवस्थापकों को बड़ा तोहफा दिया है। ये अस्थाई व्यवस्थापक अब स्थाई हो जाएंगे। सरकार ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए हैं। रजिस्ट्रार, सहकारिता राजन विशाल ने बुधवार को बताया कि पैक्स/ लैम्पस के अस्थाई व्यवस्थापकों के 31 अगस्त, 2018 तक स्क्रिनिंग करने के आदेश जारी कर दिए गए है। स्क्रिनिंग के माध्यम से लगभग 1500 व्यवस्थापकों को स्थाई किया जाएगा। स्थाई होने के साथ ही व्यवस्थापकों को नियमित ग्रेड-पे जैसी सुविधाएं का लाभ भी मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि व्यवस्थापकों की स्क्रिनिंग जिला स्तरीय स्क्रिनिंग कमेटी द्वारा की जाएगी। जिला स्तरीय स्क्रिनिंग कमेटी में जिला कलक्टर अध्यक्ष, संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष, कमेटी के सहअध्यक्ष, प्रबंध निदेशक केन्द्रीय सहकारी बैंक सदस्य सचिव, जिला उप रजिस्ट्रार एवं अध्यक्ष (संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति) सदस्य होंगे।

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File-Image: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे.

नियमों में शिथिलता देकर स्क्रिनिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा स्थाई

रजिस्ट्रार, सहकारिता विशाल ने बताया कि अस्थाई व्यवस्थापकों को शैक्षणिक नियमों एवं अनुभव में पहले ही शिथिलता दी जा चुकी है। इससे ग्राम सेवा सहकारी समितियों में सेवाएं दे रहे कार्मिक जिनके पास नियुक्ति के समय निर्धारित योग्यता नहीं थी तथा जिस समिति में व्यवस्थापक के पद के लिए स्क्रिनिंग की जा रही है उस समिति में पर्याप्त कार्य अनुभव नहीं था, उन्हें नियमों में शिथिलता देकर स्क्रिनिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्थाई किया जा सकेगा।

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रजिस्ट्रार ने बताया कि यदि अस्थाई व्यवस्थापक ने स्क्रिनिंग के समय स्नातक की शैक्षणिक योग्यता प्राप्त कर ली है तो उसे स्क्रिनिंग के लिए पात्र माना जाएगा। इसी प्रकार यदि कोई व्यवस्थापक एक से अधिक समितियों में कार्यरत रहा है तो उन सभी समितियों का कार्यानुभव पात्रता में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को तय समय मेेंं स्क्रिनिंग करने के आदेश दे दिए गए हैं।