CM Vasundhara Raje
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लोकसेवकों को झूठे केसों से बचाने के लिए विधानसभा में पेश किए गए विवादित आॅर्डिनेंस बिल को पुर्नविचार के लिए प्रवर समिति को सौंप दिया है। इससे पहले सोमवार सुबह इस बिल को गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने विधानसभा में पेश किया था लेकिन छुटपुट हंगामे और विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने से इस पर विचार न हो सका। अब जब आॅर्डिनेंस बिल को सदन में पेश किया जा चुका है। विधानसभा में बीजेपी के 161 सदस्यों की मौजूदगी इसी बिल को आसानी से पारित करा सकती है। इसके बावजूद लेकिन विपक्ष के हंगामे और जनभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रमुख अफसरों व मंत्रियों की बैठक लेते हुए आॅर्डिनेंस बिल पर पुर्नविचार करने को कहा है।

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CM Vasundhara Raje
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मुख्यमंत्री राजे ने इस बिल में अभियोजन स्वीकृति की सीमा को 180 दिन से कम करने और मीडिया पर रोक संबंधी प्रावधान को हटाने पर विचार करने को कहा है। इससे पहले मंगलवार को फिर से दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017  को सदन में पेश किया गया लेकिन विरोध और हंगामे को देखते हुए गृहमंत्री कटारिया ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। प्रवर समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा के अगले सत्र में पेश करेगी।

Ordinance bill

राजस्थान सरकार यह बिल इसलिए ला रही है ताकि सरकारी अधिकारियों और नेताओं पर झूठे केस दर्ज न हों और न ही उनकी साफ छवि को धूमिल किया जा सके। जीरो टोलरेंस की अपनी नीति पर कायम रहते हुए राजस्थान सरकार ने कहीं भी भ्रष्ट लोकसेवकों को संरक्षण देने की इस अध्यादेश में बात नहीं कही है। असल में सरकार का दावा है कि जितने भी केस लोकसेवकों पर दर्ज कराए जाते हैं उनमें से 73 प्रतिशत केस झूठे होते हैं। पिछले 5 सालों में दर्ज कराए गए 2.69 लाख केसों में से 1.76 लाख केस झूठे पाए गए हैं।

क्या है आॅर्डिनेंस बिल

जज, मजिस्ट्रट एवं अन्य सरकारी अफसरों के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले सरकार से मंजूरी लेने से संबंधित हे आॅर्डिनेंस बिल। इस बिल के दायरें में जज, मजिस्ट्रेट, सरकारी अफसर, विधायक, नेता, पंच-सरपंच और अन्य गजिटेड आॅफिसर आदि आएंगे। बिना सरकार की अनुमति के लोकसेवकों खिलाफ न तो पुलिस कोई एफआईआर दर्ज कर सकेगी और न ही इस्तीगासे के जरिए कोई कार्रवाई हो सकेगी। साथ ही किसी भी लोकसेवक का नाम सोशल प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर या व्हाटसअप आदि पर डाला तो 2 साल की कैद भी हो सकती है।

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