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मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना को लॉन्च करते हुए सीएम वसुन्धरा राजे।
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मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना को लॉन्च करते हुए सीएम वसुन्धरा राजे।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत आंगनबाडी केन्दों पर पंजीकृत 3-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषाहार के साथ-साथ सप्ताह में 3 दिन दूध उपलब्ध कराया जाना है। इस संबंध में सभी दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट पास हुआ है। योजना में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के साथ स्किम्ड मिल्क पाउडर वितरण हेतु अनुबंध किया गया है। इस योजना से राजस्थान के आंगनबाडी केन्द्रो में 3 से 6 वर्ष आयुवर्ग के पंजीकृत लगभग 10 लाख बच्चे तथा 11 लाख महिलाएं एवं किशोरियां लाभान्वित हो सकेगी।

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मुख्यमंत्री राजे ने इस योजना की जानकारी कुछ इस प्रकार से है…

  • आंगनबाडी केन्द्रों पर पंजीकृत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को 15 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर का तथा गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा किशोरी बालिकाओ को 19 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर का (एक दिवस के हिसाब से) पूरक पोषाहार के साथ-साथ सप्ताह में तीन दिन दूध उपलब्ध कराने हेतु स्किम्ड मिल्क पाउडर के 360 ग्राम एवं 456 ग्राम के पैकेट आठ सप्ताह (दो माह)के लिए एक बार आपूर्ति किए जाएंगे।
  • राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा 215 रुपये प्रति किलो (5 प्रतिशत वस्तु एवं सेवाकर अतिरिक्त) की निर्धारित दरों पर परियोजना कार्यालय तक परिवहन एवं लदाई, उतराई व्यय सहित सम्पूर्ण राज्य में आपूर्ति की जाएगी।
  • राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा समस्त आपूर्ति संतोषपूर्ण ढंग से परियोजना कार्यालयों पर की जाकर इसकी पुष्टि में विधिवत स्पष्ट रसीद परियोजना कार्यालयों से प्राप्त की जाएगी। उक्त रसीद को सामग्री प्रदाय के बिल के साथ संलग्न कर आरसीडीएफ को अग्रिम भुगतान की गई राशि के पेटे समायोजन की कार्यवाही हेतु निदेशालयसमेकित बाल विकास सेवाएं को प्रस्तुत करनी होगी। जिसकी पूर्ण जांच कर संतुष्टि के पश्चात बिल कोषागार से पारित कराया जाकर भुगतान योग्य राशि के समायोजन की कार्यवाही निदेशालय द्वारा की जावेगी।
  • परियोजनाओं की मांग का आंवटन/आंकलन विभागीय आदेश दिनांक 7 जून, 2018 को जारी परिसीमन के आधार पर आंगनबाडी केन्द्रो की संख्या के अनुसार किया गया है। समस्त उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग यह सुनिश्चित करे कि उक्त मात्रा में कमी/वृद्धि होने पर प्राप्त मात्रा को अन्य परियोजनाओं से समायोजित कर पूर्ति व्यवस्थित की जाये एवं मात्रा कम होने की स्थिति में अविलम्ब निदेशालय को मांग पत्र प्रस्तुत किया जाये। साथ ही परियोजनाओं में प्राप्त स्किम्ड मिल्क पाउडर की प्राप्ति एवं वितरण की जानकारी के साथ-साथ शेष रहे पैकेट एवं आगामी मांग निम्नलिखित प्रारूप में निदेशालय को प्रेषित करेंगे।
  • आपूर्ति किए गए स्किम्ड मिल्क पाउडर के उपयोग/उपभोग की विधि की जानकारी/प्रचारप्रसार के लिए समस्त उपनिदेशको द्वारा जिला रतर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन के जिला स्तरीय कार्यालय से प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षको को आंमत्रित कर जिले के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षकों का आमुखीकरण कराया जाएगा।

बाल विकास परियोजना अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश

  1. मुख्यमंत्री अमृत आहार योजनान्तर्गत आपूर्ति किए गए स्किम्ड मिल्क पाउडर के पैकेट आंगनबाडी केन्द्र पर पंजीकृत लाभान्वितों को निशुल्क उपलब्ध करवाए जाने है। इनका बिक्री अथवा अन्य किसी भी प्रकार का दुरूपयोग होने की स्थिति में परियोजना अधिकारियों का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।
  2. बाल विकास परियोजना अधिकारी पाउच प्राप्ति के समय यह सुनिश्चित कर लेवें कि प्राप्ति के समय पाउच अवधिपार भीगा हुआ एवं कटा-फटा नही हों।
  3. प्राप्त स्किम्ड मिल्क पाउडर की सर्वोतम उपयोग अवधि एक वर्ष है। यह सुनिश्चित करेंगे कि पाउच प्राप्ति माह से 3 महिने से पुराना नहीं होना चाहिए।
  4. बाल विकास परियोजना अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि आंगनबाडी केन्द्रो पर वास्तविक रूप से पंजीकृत लाभार्थियो को ही दूध पैकेट का वितरण किया जाएगा। महिला पर्यवेक्षको द्वारा आंगनबाडी केन्द्रो के निरीक्षण के दौरान दूध वितरण के रिकॉर्ड का विशेष रूप से सत्यापन किया जाएगा।
  5. परियोजना को आवंटित स्किम्ड मिल्क पाउडर के पैकेट प्राप्त कर स्वच्छनमी रहित सुरक्षित स्थान पर रखवाते हुए अविलम्ब आंगनबाडी केन्द्रो पर आपूर्ति कराना सुनिश्चित करेंगे। प्राप्त बैग्स/पाउच का रेण्डम सैम्पलिंग के आधार पर वजन करा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक बैग व पाउच निर्धारित वजन का है। इस योजना में मिनी आंगनबाडी केन्द्रो हेतु भी आंवटन किया गया है। मिनी आंगनबाडी केन्द्रों को पंजीकृत लाभार्थियों के अनुसार दूध पैकेट की उपलधता सुनिश्चित की जायें।
  6. आंगनबाडी केन्द्र पर स्टॉक में पहले प्राप्त दूध पैकेटो का लाभार्थियो को पूर्ण वितरण किए जाने के पश्चात ही बाद में प्राप्त पैकेटों का वितरण हेतु उपयोग किया जावें। जिससे दूध पैकेटस के अवधिपार होने की संभावना को रोका जा सके। आवंटित दूध की मात्रा में कमी करने अथवा अतिरिक्त आवश्यकता होने पर उपनिदेशक के माध्यम से निदेशालय को मांग पत्र तुरंत प्रेषित करेंगे।
  7. स्टॉक रजिस्टर में इन्द्राज कर प्राप्ति के रूप में चालान पर हस्ताक्षर मय मोहर एवं प्राप्ति दिनांक को अंकित करावें। परियोजना अधिकारी के अतिरिक्त अन्य कर्मचारी द्वारा प्राप्ति रसीद दिए जाने पर हस्ताक्षर के नीचे अपना नाम व पद स्पष्ट रूप से अवश्य अंकित करेंगे।
  8. स्किम्ड मिल्क पाउडर के पाउच आयुवर्ग 3-6 वर्ष के बच्चो को 15 ग्राम तथा गर्भवती/धात्री महिलाओ एवं किशोरी बालिकाओ को 19 ग्राम (प्रतिदिवस के हिसाब से) सप्ताह में 3 दिन उपयोग हेतु 8 सप्ताह (दो माह) की आवश्यकता की पूर्ति हेतु कमश: 360 एवं 456 ग्राम के पाउच प्रति लाभार्थी हेतु उपलब्ध करवाएंगे।
  9. परियोजना कार्यालय से आंगनबाडी केन्द्रों तक परिवहन का कार्य परियोजना अधिकारियों द्वारा किया जाना है जिसके लिए अलग से बजट का आवंटन किया जाएगा।
  10. आंगनबाडी केन्द्रों पर की प्राप्ति एवं वितरण का रजिस्टर संधारित कराते हुए पंजीकृत लाभार्थियों को श्रेणीवार (आयुवर्ग 3-6 वर्ष के बच्चों को 360 ग्राम के पैकेट तथा गर्भवती/धात्री महिला एवं किशोरी बालिकाओं को 456 ग्राम के) उपलब्ध कराएं।

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