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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट.

देश में 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले आम चुनाव में अब कुछ ही महीने और शेष रह गए हैं। आगामी चुनाव में देश की सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही राजस्थान में खुद को कमजोर मान लिया है। कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रदेश में लोकप्रियता से डर लग रहा है। वर्तमान में बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोगों के बीच जननेता की छवि से भी कांग्रेस भयभीत नज़र आ रही है। कांग्रेस को हालिया विधानसभा चुनाव में कोई बड़ा बहुमत नहीं मिला था हालांकि, वह सरकार बनाने में कामयाब रहीं। इन चुनावों के प्रदर्शन के हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की 25 में से एक दर्जन लोकसभा सीटों पर खुद को कमजोर माना है।

विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन और आंतरिक सर्वे के आधार पर कमजोर श्रेणी में माना

राजस्थान में लोकसभा की वर्तमान में कुल 25 सीटें हैं और इनमें से करीब आधी सीटों पर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में चुनौती है। आम चुनाव से पहले करीब एक दर्जन सीटों पर कांग्रेस ने खुद को कमजोर श्रेणी में रखा है। प्रदेश कांग्रेस ने दिसम्बर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर इन सीटों को कमजोर माना है। विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन के अलावा कांग्रेस ने सभी संसदीय क्षेत्रों में आंतरिक सर्वे भी करवाया है, जिसके बाद पार्टी ने इन सीटों को कमजोर श्रेणी में रखा है। कांग्रेस ने अपने आंतरिक सर्वे में झालावाड़-बारां, अजमेर, पाली, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, जालौर-सिरोही, बांसवाड़ा—डूंगरपुर संसदीय सीटों पर पार्टी को कमजोर पाया है। इसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन वाले इन क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को जी-जान लगा देने के निर्देश दिए है।

बीजेपी को देश और प्रदेश में चुनौती देना कांग्रेस के लिए आसान नहीं

कांग्रेस ने कई राउंड के सर्वे और आकलन के बाद प्रदेश की संसदीय सीटों पर अपनी स्थिति का पता लगा लिया है। अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का इन सीटों पर विशेष रणनीति के तहत काम करेगी। लेकिन कांग्रेस के लिए इस चुनौती को हल करना आसान नहीं है। एक तो मोदी-राजे की लोकप्रियता से पार पाना कांग्रेस के लिए कतई आसान नहीं है, दूसरा अब चुनाव में तीन महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में इतने कम समय में कांग्रेस इन सीटों पर खुद को मजबूत स्थिति में ला सके ऐसा अब नामुमकिन सा लगता है। कांग्रेस ने एक दर्जन सीटों पर खुद को कमजोर माना है लेकिन असल स्थिति इससे भी ख़राब लग रही है।

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2014 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को राजस्थान कांग्रेस याद ही नहीं करना चाहेगी। इस चुनाव में कांग्रेस का अब तक का सबसे शर्मनाक प्रदर्शन रहा, प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। वहीं, बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए इतिहास बनाया था। गौरतलब है कि देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने अभी तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में निर्वाचन आयोग आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा। अप्रैल-मई माह में आम चुनाव करवाए जा सकते हैं।