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Like US-Japan Railway Test Tracks to be Made in Nawan.

अमेरिका-आस्ट्रेलिया-जापान जैसे विकसित देशों में पिछले कई वर्षों से अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक का उपयोग किया जा रहा है। वहीं, इस मामले में हमारा देश अभी तक पीछे था। लेकिन अब इन विकसित देशों की तर्ज पर भारत में भी पहला अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक बनने जा रहा है। देश का पहला अल्ट्रा मॉडर्न रेलवे टेस्ट ट्रैक राजस्थान में बनेगा। प्रदेश के नागौर जिले के नावां में रेलवे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की तर्ज पर अत्याधुनिक टेस्ट ट्रैक बिछाने जा रहा है। रेलवे यहां जल्द ही 25 किलोमीटर लम्बा टेस्ट ट्रैक बिछाएगा। यानी नावां में देश का पहला अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक बनेगा। गुढ़ा से ठठाना मीठड़ी स्टेशन होकर गुजरने वाले इस टेस्ट ट्रैक पर हाई स्पीड और रेगुलर ट्रेनों का ट्रायल होगा। इसके साथ ही लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक को हाई एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी उपयोग में लाया जाएगा।

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File-Image: देश का पहला अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक नावां में बनेगा.

आरडीएसओ करेगा अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण

भारतीय रेलवे की तकनीकी जरूरतों के लिए काम करने वाले एकमात्र अनुसंधान संगठन रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। आरडीएसओ इस टेस्ट ट्रैक का निर्माण करेगा। इस ट्रैक का उपयोग करके कई नए परीक्षण और इसके रोलिंग स्टॉक और इसके घटकों, रेलवे रेलवे पुलों और भू-तकनीकी क्षेत्र से संबंधित नई तकनीकों का भी परीक्षण संभव होगा। साथ ही इससे रेलवे से संबंधित अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने और आईआर नेटवर्क पर इन्फ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं का समाधान संभव होगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि देशों में ट्रायल के लिए टेस्ट ट्रैक का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि हमारे देश में अभी तक मौजूदा रेलवे लाइनों पर ही टेस्ट होता है।

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अनुपयोगी मीटरगेज ट्रैक का होगा इस्तेमाल, 3 स्टेशनों तक ट्रॉयल टेस्ट

रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टेस्ट ट्रैक पर ट्रायल के लिए ट्रेन गुढ़ा से रवाना होकर ठठाना होते हुए मीठड़ी तक जाएगी। रेलवे द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए गुढ़ा-ठठाना-मीठड़ी को चुनने के पीछे बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि इस दूरी के बीच पुरानी मीटर गेजलाइन जमींदोज है जिसका टेस्ट ट्रैक के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस दूरी के बीच रेलवे की भूमि पहले से ही है ऐसे में नई भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। यहां टेस्ट ट्रैक के लिए प्रयोगशाला, आवास, वर्कशॉप आदि के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। जानकारी के लिए बता दें, आरडीएसओ की ओर से नावां से पहले पुणे, लखनऊ, रायपुर व मुगलसराय में भी टेस्ट ट्रैक का निर्माण प्रस्तावित था। फिलहाल इन टेस्ट ट्रैक का पर काम शुरू नहीं हो पाया है।