'Krishna Limb' artificial foot made for animals in Jaipur.
'Krishna Limb' artificial foot made for animals in Jaipur.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में पशुओं के लिए तैयार किए कृत्रिम पैर की देश-विदेश में धूम मची हुई है। जानवरों की पीड़ा को समझकर एक पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुओं के लिए कृत्रिम पैर तैयार किया है। इस कृत्रिम पैर का ‘कृष्णा लिम्ब’ नाम रखा गया है। यह कृत्रिम पैर केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इन दिनों धूम मचा रहा है। विशेषकर किसी दुर्घटना में अपना पैर गंवा देने वाले गौवंश के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। भारत में बनाया गया यह पहला ऐसा कृत्रिम पैर है जिसे सभी जानवरों के बेहद आसानी से लगाया जा सकता है।

'Krishna Limb' artificial foot made for animals in Jaipur.
                                                        ‘Krishna Limb’ artificial foot made for animals in Jaipur.

इन्होंने ‘कृष्णा लिम्ब’ नाम के कृत्रिम पैर का किया आविष्कार:

‘कृष्णा लिम्ब’ नाम के इस कृत्रिम पैर को जयपुर में कार्यरत वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. तपेश माथुर ने तैयार किया है। जानकारी के अनुसार देश के 10 स्टेट में अब तक कुल 54 पशुओं को यह कृत्रिम पैर लगाया जा चुका है। यह कृत्रिम पैर अब तक जानवरों को नि:शुल्क ही लगाया जा रहा है, ज​बकि एक कृत्रिम पैर तैयार करने पर करीब 8 हजार रूपए की लागत आती है। देश में किसी भी क्षेत्र के गौवंश पशुपालक की ओर से कृत्रिम पैर की मांग आती है तो यह पैर नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है लेकिन वह नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाने के लिए बनाए गए मापदंडों पर खरा उतरना चाहिए। कृत्रिम पैर पर आने वाले खर्चे को एक संगठन द्वारा वहन किया जा रहा है।

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देश के अलावा भी कई अन्य पड़ोसी देशों से भी आ रही है मांग: डॉ. माथुर द्वारा इनोवेट किए गए इस कृत्रिम पैर की मांग देश के बाहर से भी लगातार आ रही है। जिसमें पड़ोसी देश श्रीलंका, भूटान और सऊदी अरब जैसे देश शामिल है। इससे पहले जयपुर फुट की पूरी दुनिया से मांग आती रही हैं। डॉ. माथुर का इस बारे में कहना है कि यदि सरकार की ओर से प्रोत्साहन मिले तो यह मुहिम काफी आगे बढ़ सकती है। बता दें कि डॉ. माथुर जानवर को कृत्रिम पैर ‘कृष्णा लिम्ब’ लगाने के लिए खुद दो बार जाते हैं। साथ ही कृत्रिम पैर लगाने के बाद पशु को कुछ दिन अभ्यास भी करवाते हैं। यह सब सेवा डॉ. माथुर द्वारा बिना कोई शुल्क लिए की जा रही है। जानवरों के लिए कृत्रिम पैर तैयार करने के पीछे उनका मकसद पशुओं का संरक्षण और संवर्द्धन करना है।