Kirori Singh Bainsla with Gujjars

जयपुर। विधानसभा चुनावों की भागम-भाग के बाद राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। पिछले दो दशकों से आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज ने सरकार को इसके लिए बीस दिन का अल्टीमेटम दिया है। इस विषय पर हाल ही में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें निर्णय लिया गया है कि यदि कांग्रेस सरकार गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग नहीं स्वीकारती है तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा।

Kirori Singh Bainsla with Gujjars

कफन बांधकर आया हूं, चैन से नहीं बैठने दूंगा

आंदोलन की अगुवाई कर रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की प्रक्रिया मात्र एक सप्ताह में पूरी कर राष्ट्रपति की मंजूरी तक दिला दी। वो भी तब जब संविधान और न्यायालय ने आरक्षण की सीमा पचास प्रतिशत ही तय कर रखी है। इसके बावजूद मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण सामान्य वर्ग को दे दिया है। ठीक उसी तरह राज्य सरकार को भी हमारी वर्षों से लम्बित मांग को स्वीकारते हुए तीन सप्ताह में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इस दौरान बैंसला ने कहा कि हम पिछले कई दशकों से आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकारें हमें दिलासे देती रही है। लेकिन इस बार मैं कफन बांधकर आया हूं। अब हम किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे और सरकार को चेन से नहीं बैठने देंगे।

सत्ता मिलते ही वादा भूली कांग्रेस

मामले पर वकील शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव के दौरान गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था। लेकिन अब सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। शैलेन्द्र ने कहा कि आरक्षण के लिए हमारे समाज के 73 भाई-बहनों ने जान दे दी। इसके बावजूद सरकार हमको गुमराह करती रही। अब वक्त आ गया है कि सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केन्द्र सरकार की तरह त्वरित गति से प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए, वर्ना हमें फिर से आंदोलन की राह पर उतरना पड़ेगा।