palanhar Scheme
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palanhar Scheme
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राजस्थान सरकार के तीन साल बहुत गौरवपूर्ण शासनाकाल में गिने जा रहे हैं। राजस्थान सरकार की कई योजनाओं को दूसरे राज्यों ने गृहण किया हैं तथा वर्तमान में कई राज्यों ने वसुंधरा सरकार की योजनाओं पर कार्य प्रगती पर हैं। हाल ही में राज्य सरकार की पालनहार योजना एक बार फिर से चर्चा में बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की निराश्रित नौनिहालों के लिए लागू की गई पालनहार योजना के बारे में विस्तार से समझने के लिए जम्मू कशमीर से अधिकारियों का दल राजस्थान पहुंचा हैं। राजस्थान की पालनहार योजना प्रदेश के ही नही अपितु देश के कई अन्य राज्यों के निराश्रित बच्चों के लिए जीवन दायिनी बनी हैं।

जम्मू-कशमीर के अधिकारियों ने किया राजस्थान का रुख

गरीब बच्चों के कल्याण के लिए चलाई जा रही पालनहार योजना देश भर के लिए रोल मॉड़ल साबित हो रही हैं। कई राज्यों के अधिकारी योजना का ढांचा व क्रियान्वन देखने के लिए राजस्थान का रुख कर रहे हैं। आंध्रप्रदेश और दिल्ली के बाद अब ज्म्मू-कशमीर के अधिकारियों ने पालनहार योजने में दिलचस्पी दिखाई हैं उन्होने गुरूवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशालय में पालनहार योजना का ढांचा व क्रियान्वन देखा। जम्मू-कशमीर के दन में राज्य मिशन अधिकारी अब्दुल रशीद मलिक , निदेशक राज्य न्याय अकादमी सुधूर कुमार, उप न्यायाधीश गौहर माजिद दलाल, उप पुलिस अधिक्षक अपराध मवाशिर लतीफ सहित कई अन्य अधिकारियों ने योजना का संचालन व वेबपोर्टल से ऑनलाइन आवेदन से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया समझी।

आंध्रप्रदेश ने लागू की पारनहार योजना

करीब 6 माह पहले आंध्र प्रदेश की टीम ने भी जयपुर आकर योजना को समझा था । इसके बाद इसी ढांचे व समान सहायता राशी में आंध्रप्रदेश सरकार ने योजना लॉंच की । वर्तमान में वहां 500-1000 रुपए दिए जा रहे हैं। आंध्रप्रदेश के बाद दिल्ली की टीम ने भी राजस्थान का दौरा कर इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की थी।

जाने क्या हैं पालनहार योजना

राज्य सरकार योजने के तहत प्रत्येक साल 2.16 लाख  निराश्रित बच्चों को 200 करोड़ रुपए दे रही हैं। 0 से 8 वर्ष के बच्चों को 500 रुपए और 8 से 18 वर्ष तक के बच्चों को राज्य सरकार एक हजार रुपए प्रतिमाद दे रही हैं। अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक, बालिका के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से आर्थिक सहायता देना है।

वर्तमान में निम्न श्रेणियों को लाभान्वित किया जा रहा है

1    अनाथ बालक/बालिका।

2    न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चें।

3    निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की तीन संतान।

4    पुर्नविवाहित विधवा माता के बच्चें।

5    एड्स पीडि़त माता/पिता के बच्चें।

6    कुष्ठ रोग से पीडि़त माता/पिता के बच्चें।

7    नाता जाने वाली माता की तीन संतान।

8    विकलांग माता-पिता की संतान।

9    तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान।

पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

पालनहार को अनुदान राशि :-

  1. 0-5 वर्ष तक की आयु के बच्चे हेतु – 500 रूपये प्रतिमाह -आंगनबाड़ी जाना अनिवार्य।
  2. 18 वर्ष तक की आयु के बच्चें हेतु – 1000 रूपये प्रतिमाह -विद्यालय जाना अनिवार्य।
  3. वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि हेतु – 2000 रूपये वार्षिक -विधवा पालनहार व नाता पालनहार में देय नहीं।