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Jaipur: Land Right to the people who got 60 years later in the camp of Gadota.

वसुंधरा राजे सरकार द्वारा चलाये जा रहे राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान में आजादी के बाद से खातेदारी का अधिकार के लिए इंतजार कर रहे लोगों को अधिकार प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार के इस अभियान को प्रदेशभर के लोगों ने सराहा है। जयपुर जिले की दूदू तहसील के तहत गाडोता में राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान के चौथे चरण में आयोजित शिविर में एक प्रकरण में परिवादियों को 60 वर्ष बाद खातेदारी अधिकार तथा दूसरे प्रकरण में दो दशक बाद सही नाम प्रदान करते हुए मौके पर ही राहत प्रदान की गई है। खातेदारी अधिकार पाने वाले परिवादियों के चेहरे पर प्रमाण पत्र मिलते ही खुशी छा गई।

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Image: जयपुर: गाडोता के शिविर में लोगों को 60 वर्ष बाद मिला खातेदारी का अधिकार.

त्वरित कार्यवाही से परिवादियों में खुशी की लहर, राज्य सरकार का जताया आभार

जयपुर जिले के गाडोता में आयोजित शिविर में दूदू तहसील के ग्राम धांधोली के छगनलाल नन्दा और काना आदि परिवादियों ने कैम्प प्रभारी त्रिलोक चन्द मीना के समक्ष अपना परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि भू-प्रबन्ध खतौनी 2011-2029 में अर्जुन, भीमा व नानू के नाम 11.5 बीघा भूमि दर्ज थी। यह संवत 2015 से 2018 की जमाबंदी में अर्जुन, भीमा व पोखर के नाम दर्ज हो गई। नानू का नाम हट गया और तब से ही नानू पुत्र पोखर के वारिसों के नाम जमाबंदी में दर्ज नहीं है। कैम्प प्रभारी ने प्रकरण का जायजा लेने के बाद राजस्व टीम से हाथोंहाथ धारा 88 में प्रकरण तैयार कराया। फिर जांच के बाद नानू पुत्र पोखर के वारिसान नाथी धर्म पत्नी बिरदा व महावीर पुत्र बिरदा जो तीसरी पीढ़ी में आते है, उनको मौके पर ही खातेदारी अधिकार प्रदान करते हुए खातेदार काश्तकार घोषित कर दिया। इस त्वरित कार्यवाही से परिवादियों में खुशी की लहर दौड़ गई। शिविर में मौजूद ग्रामीणों ने भी इस पर प्रसन्नता जताई और ऐसे शिविरों के आयोजन के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।

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राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार से बीस साल बाद मिला सही नाम

गाडोता में आयोजित राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान शिविर में सुवादेवी धर्म पत्नी बालूराम शिविर प्रभारी एवं दूदू उपखण्ड अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुई। सुवादेवी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि उसके पति की विरासत के नामांतरण में उसका नाम सरजू दर्ज हो गया, जो गलत है इस पर कैम्प प्रभारी त्रिलोक चन्द मीना ने समस्त दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद राजस्व टीम को मौके पर ही धारा 88 में प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिये। बाद में जांच एवं सुनवाई के बाद कैम्प स्थल पर डिक्री जारी कर दी गई। इस प्रकार सरजू धर्म पत्नी बालू के स्थान पर राजस्व रिकॉर्ड में सही नाम सुवादेवी धर्म पत्नी बालू राम दर्ज कर उसे बीस वर्ष बाद सही नाम की मिला है।