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राजस्थान की आॅलिव टी

– राजस्थान से आॅलिव टी बनाने की तकनीक सीखेगा इजरायल

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारत के राष्ट्रपति रामनाथा कोविंद

लगता है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को राजस्थान में पैदा होने वाली आॅलिव टी (जैतून से बनी चाय) का स्वाद कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया है। यही वजह है कि उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि ‘इजरायल जैतून की प्रसंस्कृत चाय बनाने की तकनीक राजस्थान से सीखेगा।’ यह बयान उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति भवन में उनके स्वागत में पेश की गई आॅलिव टी पीने के बाद दिया। यह चाय राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड द्वारा राजस्थान और इजरायल के संयुक्त उपक्रम में बीकानेर में उत्पादित जैतून से बनी थी। इजरायली प्रधानमंत्री ने न केवल आॅलिव टी की प्रशंसा की अपितु जैतून उत्पादन और चाय प्रसंस्करण के बारे में जानकारी ली।

इस पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करते हुए राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि ‘देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत राजस्थान में बनी आॅलिव टी से करना हमारे लिए गौरव की बात है। हमें गर्व कि जिस इजरायल से हम जैतून का प्लांटिंग मैटेरियल लाए थे। वहां के प्रधानमंत्री हमसे आॅलिव टी बनाने की तकनीक सीखने के लिए कह रहे हैं।

मुख्यमंत्री राजे के पिछले कार्यकाल में शुरू हुई थी जैतून की खेती

आपको बता दें कि प्रदेश में जैतून की खेती की शुरूआत भाजपा के पिछले कार्यकाल में तब हुई थी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में कृषि विशेषज्ञों का एक दल इजरायल गया था। वहां से लौटने के बाद राजे ने प्रदेश में जैतून की खेती करने का निर्णय लिया। 20 मार्च, 2008 को बस्सी के ढिंढोल फार्म पर जैतून के प्रथम पौधे का रोपण किया गया और उसके बाद राज्य के 7 कृषि जलवायु खंडों में इसका प्रायोगिक रोपण किया गया। यह प्रयोग सफल हुआ और राज्य में जैतून लहलहाने लगा। राज्य में जैतून अरबेक्विना, बरनियर, फ्रंटोयो, कोर्टिना, कोलोनाइकी, पासोलिन, पिकुअल किस्मों का पौधारोपण किया गया था। रोचक बात है कि जैतून राज्य की परम्परागत फसल नहीं होने के बावजूद भी इसका उत्पादन और प्रसंस्करण राजस्थान में सफलतापूर्वक होने लगा है।

राजस्थान ने सबसे पहले बनाई आॅलिव टी

राजस्थान की सरजमीं को विश्व में सबसे पहले जैतून से बनी चाय बनाने का गौरव हासिल है। जैतून को 12 प्रकार के कैंसर सहित एचआईवी जैसे रोगों से लड़ने में कारगर माना है। यह चाय यह एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीडायबिटीक होने के साथ ही हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है। कई महीनों तक चले इस शोध में सामने आया कि जैतून की पत्तियों से चाय बनाई जा सकती है। जैतूून चाय बनाने के लिए ओलिटिया फूड्स कंपनी ने सरकार के साथ एमओयू किया। कंपनी ने जयपुर जिले के बस्सी में जैतून पत्तियों की चाय का संयत्र स्थापित कर विश्व की पहली प्रसंस्कृत चाय का उत्पादन शुरू किया है।

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में सहायक आॅलिव टी

कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि विद्यासागर विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में जैतून को 12 प्रकार के कैंसर सहित एचआईवी जैसे रोगों से लड़ने में कारगर माना है। शोध में पता चला है कि राज्य में उत्पादित जैतून में ट्राइटरपेनिक एसिड़ मिला है। इस एसिड का उपयोग कैंसर प्रतिरोधी दवा बनाने में होता है। 100 ग्राम जैतून फल में 60 मिलीग्राम तक यह तत्व पाया गया है। इसके साथ ही इसकी चाय भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज का काम करेगी।

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