archana sharma
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राजस्थान प्रदेश में आपसी कलह आज की ही नही हैं साल 2013 के विधानसभा चुनाव  में हार के बाद से प्रदेश कांग्रेस अलग-अलग धड़ों में बंट गई थी जिसके बाद से कांग्रेस में आपसी कलह और अंदरूनी गुटबाजी शुरू हो गई हैं। पहले प्रदेश में गहलोत, पायलट, सीपी जोशी जैसे नेताओं की गुटबाजी सामने आई तो अब निचले स्तर पर भी कांग्रेस की कहल की कलाई खुलकर सामने आ रही हैं।

होली मिलन समारोह में छलका कांग्रेस प्रवक्ता का दर्द

दरअसल हाल ही में जयपुर शहर कांग्रेस की जम्बो कार्यकारिणी का गठन हुआ जिसमे अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से एक कांग्रेस नेता का दर्द जुबान पर आ गया। आपकों बता दे कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मीडिया विभाग की चेयरपर्सन और 2013 में मालवीय नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी अर्चना शर्मा ने अपना दर्द होली मिलन समारोह में जाहिर किया हैं।

जब तक कार्यकर्ता को सम्मान जनक स्थान नही मिलेगा, अनशन करुंगी

उनके भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए उनकी जुबान भी फिसल गई। वीडियो में वे कह रही है कि जो लोग कार्यकारिणी में आने से छूट गए हैं, उन्हें कार्यकारिणी में सम्मान जनक पद मिलेगा। कांग्रेस की मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा ने कहा कि जब तक कार्यकारिणी में स्थान नहीं मिलेगा तब तक आपकी तरह मेरा भी अनशन जारी रहेगा। अनशन विचारों का भी होता है। मैं अनशन शुरू कर दूंगी प्रदेश कांग्रेस में तो अध्यक्ष जी को भी पता चल जाएगा कि प्रवक्ता अनशन पर जाता है तो बहुत मुश्किल हो जाती है, तीन दिन से मैंने कोई प्रेसनोट नहीं बनाया।

आश्वासन से नही चलेगा काम- अर्चना शर्मा

मंच पर बैठे शहर कांग्रेस के प्रवक्ता की ओर से मुखातिब होते हुए अर्चना शर्मा ने कहा कि आश्वासन देने से काम नहीं चलता है, मेरी समस्या है मेरा भाई अगर त्यौहार पर दुखी र्है तो मैं चैन से नहीं बैठ सकती। मेरे कार्यकर्ताओं का सम्मान होना चाहिए। वहीं कांग्रेस नेता की जबान फिसलने पर मंच पर बैठे अन्य नेता भी बगले झांकने लगे। थोड़ी देर बाद उनके भाषण का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

इसलिए आया दर्द बाहर 

जानकारों की माने तो कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा ने मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से करीब दो दर्जन नेताओं के नाम शहर कार्यकारिणी में शामिल कराने के लिए दिए थे, लेकिन शहर कार्यकारिणी के गठन में उन नामों की अनदेखी की गई, जिससे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखी।