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अध्यापक पात्रता परीक्षा में सफल होकर तृतीय श्रेणी अध्यापक बनने जा रहे अभ्यर्थियों को राहत देने वाला निर्णय लेते हुए राजस्थान उच्च न्यायलय ने राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक हटा ली है। अब सरकार सफल हुए अभ्यर्थियों को जल्द ही नियुक्ति देने वाली है। यह खबर उन सभी अभ्यर्थियों के लिए ख़ुशी देने वाली है जो इस परीक्षा के माध्यम से चयनित हो चुके थे, लेकिन कोर्ट में मामला अटक जाने की वजह से नियुक्त नहीं हो पा रहे थे।

याचिकाओं का निस्तारण करते हुए जोधपुर हाईकोर्ट ने सुनाया फैंसला:

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ ने कई दिनों बाद छात्रहित में निर्णय लेते हुए तृतीय श्रेणी अध्यापकों की नियुक्ति पर इतने दिनों से लगी हुई रोक हटा दी है। न्यायलय के इस निर्णय से राज्य सरकार को भी राहत मिली है। यह आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता गोपालसिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निस्तारण करते हुए दिए।

रीट में हुई गड़बड़ी के कारण अटका था मामला:

इतने दिनों से राजस्थान हाईकोर्ट ने 2015 में हुई रीट (राजस्थान अध्यापक पात्रता भर्ती परीक्षा) में हुई कई तरह की गड़बड़ियों के कारण तृतीय श्रेणी के अध्यापकों की भर्ती पर रोक लगा रखी थी। रीट की अंतिम उत्तर कुंजी में रही कई त्रुटियों के कारण न्यायलय ने 6 जुलाई को सम्पूर्ण प्रक्रिया पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगाई थी। लम्बी सुनवाई के बाद पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।

कल मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता ने प्रदेश के रीट में भाग लेने वाले सभी अभ्यर्थियों की अर्ज़ी पर उनके पक्ष में फैसला सुनाया। जस्टिस दिनेश मेहता की बेच ने कहा कि तृतीय श्रेणी अभ्यर्थियों के परिणाम आ चुके हैं। अब केवल सफल अभ्यर्थियों की नियुक्तियां शेष है।  इस कारण इस विषय में याचिका के माध्यम से हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।