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राजस्थान में भेड़ों की अच्छी संख्या को देखकर, भेड़पालन के व्यवसाय में लगे हुए सभी भेड़पालकों को सहारा देने के लिए राजस्थान सरकार ”अविका कवच योजना” का संचालन कर रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के भेड़पालकों की भेड़ों का बीमा करती है, फिर यदि भेड़पालक की भेड़ की अकाल मृत्यु हो जाती है, या भेड़ के साथ कोई अन्य हादसा हो जाता है, तो सरकार की तरफ से बीमा की राशि अदा की जाती है। राज्य सरकार की इस अविका कवच योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण अंचल की भेड़ों का जीवन बीमा कर दिया गया है। यह गौरतलब है कि प्रदेश में भेड़ों की संख्या करीब 90 लाख हैं। भेड़पालन पर जीवन गुज़ारा करने वाले इन लोगों को ध्यान में रखकर राजस्थान सरकार ने इस वर्ग को लाभान्वित करने के लिए यह योजना प्रारम्भ की है। इस योजना का प्रारंभ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने साल 2004 में भी किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2008 में इसे बंद कर दिया था।

भेड़ों को होने वाले हर तरह के नुकसान की भरपाई की जाएगी:

राज्य सरकार की इस योजना द्वारा भेड़ों की अकाल मृत्यु हो जाने के साथ ही किसी तरह की दुर्घटना, आग, बिजली, आंधी, तूफान, भूकंप, चक्रवात और बीमा अवधि के दौरान होने वाली बीमारियों के कारणों से भेड़ की मृत्यु होने पर होने वाले नुकसान की भरपाई भेड़पालक को की जाती है। सरकार की इस योजना से पूर्व में कई बार भेड़ों की मौत किसी रोग या और किसी कारण से हो जाती थी। जीवन निर्वाह के एकमात्र साधन के नहीं रहने से पशुपालकों को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ता था। पहले कई बार विषाणु या जीवाणु संक्रमण के कारण भेड़पालक की एकसाथ अनेकों भेड़ों की मौत हो जाती थी। लेकिन अब सरकार की इस योजना के तहत बीमा कराने पर भेड़पालक को उसकी भेद के साथ हुए नुकसान की पूरी कीमत मिलती है। योजना के तहत यदि भेद किसी दुर्घटनावश पूर्ण विकलांग हो जाती है, तब भी सरकार भेड़पालक को बीमा राशि का भुगतान करेगी।

हर वर्ग को सरकार की तरफ से मिलेगी रियायत:

अपने राज्य के भेड़पालकों को यह भरोसा दिलाने के लिए कि उनकी मुसीबतों में भी सरकार उनका साथ देकर उनके दुःख को बांटने का काम करती है, सरकार ने इस योजना को शुरू किया। इस योजना के तहत भेद की बीमा किश्त पर सरकार राज्य के प्रत्येक तबके को लाभ पहुंचाने का निश्चय किया है। इसमें सरकार ने सामान्य जाति के लिए 70 फीसदी तथा एससी-एसटी के लिए 80 फीसदी की छूट उपलब्ध करवाई है।