बसपा सुप्रीमो मायावती की राजस्थान व मध्यप्रदेश में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार को दी धमकी का असर दिखना शुरु हो चुका है। मायावती ने सोमवार को बयान जारी कर कहा था कि अगर पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान जातिगत और राजनीतिक द्वेष से फंसाए गए लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो बसपा को मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से समर्थन वापस लेने पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। मायावती की धमकी का असर कमलनाथ के साथ गहलोत सरकार पर भी पड़ता नजर आ रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी सरकार पिछले साल 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान निर्दोष दलितों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों की समीक्षा करने के बाद वापस लिए जाएंगे। साथ ही वे  उन सभी मामलों को देखेंगे जिनके पीछे कोई आधार नहीं था। आगे कहा कि मैं कांग्रेस को समर्थन देने के लिए मायावती का धन्यवाद करता हूं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में बसपा के 6 विधायकों ने जीत दर्ज की है, जिन्होंने कांग्रेस सरकार को अपना समर्थन दिया है।

गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 2 अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। इस दौरान अराजकता व हिंसा के दौरान कई मामले भी दर्ज किए गए थे। भारत बंद का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिला था। दलित संगठनों की ओर से उन पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग भी कई बार की जा चुकी है।