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राजस्थान सहित देशभर में माता-पिता अपने बच्चों के कॉलेज-स्कूल तक सही सलामत पहुंच जाने की दुआएं करते हैं। पैरेंट्स को डर होता है कि कहीं उनकी बच्चे किसी किडनै​प घटना या दुर्घटना या किसी अनहोनी का शिकार न हो जाएं। वहीं राजस्थान में ऐसी जगह भी है जहां बेटियों को फ्री में एजुकेशन दी जाती है, साथ ही उनके कॉलेज पहुंचने की जानकारी मोबाइल पर माता-पिता को मैसेज द्वारा दी जाती है। जी हां, डीडवाना विकास परिषद समिति नागौर जिले के 114 गांवों की करीब 500 बेटियों को 12वीं क्लास पास होने के बाद मुफ़्त में बीए, बी.कॉम और बीसीए डिग्री करा रहा है।

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                               114 गांवों की बेटियां फ्री में पढ़ती हैं यहां, कॉलेज पहुंचते ही घरवालों के पास जाता है संदेश.

परिषद ने कर रखी है कॉलेज तक लाने-छोड़ने की भी नि:शुल्क व्यवस्था

डीडवाना विकास परिषद की तरफ से यहां तक कि छात्राओं को कॉलेज लाने-छोड़ने की भी मुफ़्त में व्यवस्था कर रखी है। प्रबंधन समिति ने इन बेटियों का नि:शुल्क विद्यार्थी सुरक्षा बीमा भी करा रखा है। सभी छात्राओं की उपस्थिति बायोमैट्रिक के जरिए होती है। बायोमेट्रिक द्वारा उपस्थिति दर्ज कराने के बाद ही कॉलेज का गेट खुलता है। कॉलेज पहुंचते ही पैरेंट्स के पास एसएमएस के जरिए छात्रा का कॉलेज पहुंचने का मैसेज पहुंचता है। यहां तक कि कॉलेज छोड़ने के समय पर भी माता-पिता के पास संदेश जाता है कि आप की बेटी कॉलेज से निकल चुकी है।

परिवहन मंत्री यूनुस खान की विधानसभा क्षेत्र में आता है कॉलेज: ये सुविधाएं डीडवाना के श्रीबांगड महिला महाविद्यालय में उपलब्ध करवाई जा रही है। यह महाविद्यालय प्रदेश के परिवहन मंत्री यूनुस खान के विधानसभा क्षेत्र में आता है। खास बात यह है कि कॉलेज में मिलने जाने वाले पैरेंट्स भी बिना पहचान पत्र के बेटियों से नहीं मिल सकते हैं। इसके के लिए प्रबंधन समिति ने पहले से ही पैरेंट्स के पहचान पत्र जारी कर रखे हैं। कॉलेज में सुरक्षा के लिए मेटल डिटेक्टर भी लगे हुए हैं, जिससे आने-जाने वाले की जांच की जा सके।

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डीडवाना विकास परिषद समिति के अध्यक्ष शंकर लाल परसावत के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले परिवार बेटियों को को-एजुकेशन वाले कॉलेज में नहीं भेजना चाहते थे। जिसकी वजह से क्षेत्र की बेटियां उच्च शिक्षा से वंचित रह रही थी। परसावत ने आगे बताया कि यही वजह है कि समिति ने हायर एजुकेशन में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए एक अनोखी पहल की है।