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Former PM Atal Bihari Vajpayee had a special connection with Rajasthan.

भारत रत्न और पू्र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को लंबी बीमारी के चलते 93 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दो महीनों से एम्स अस्पताल, दिल्ली में भर्ती थे। एक भी राजनीतिक शत्रु नहीं रखने वाले अटल ने अपने कार्यकाल में विश्वभर में भारत का डंका बजवाया। उनकी राजनीतिक पारी भारतीय राजनीति में सबसे लम्बी रही है। वे कुल 50 वर्ष तक सांसद रहे और 63 साल की सक्रिय राजनीति की। वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे और पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बने जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। 1942 में ‘भारत छोड़ों आंदोलन’ के दौरान 23 दिन जेल में भी रहे। वे 1951 में जनसंघ की स्थापना करने वाले नेताओं में से एक थे। अटल सिर्फ एक राजनेता ही नहीं बल्कि अच्छे वक्ता, कवि और पत्रकार भी रहे हैं।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान की धरती से भी गहरा नाता रहा है। वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में भारत ने जिसकी वजह से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के सामने अपना लोहा मनवाया वो साहसिक काम था राजस्थान की धरती से हुआ पोकरण में परमाणु बम का परीक्षण। इस परमाणु परीक्षण से दुनिया की नज़रों में भारत की साख बढ़ी और परीक्षण के लिए अटल, अडवाणी और शेखावत की जोड़ी देशभर में मशहूर हुई। अटल के कार्यकाल में राजस्थान से देश-दुनिया की कई बड़ी खबरें निकली।

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Image: अटल बिहारी वाजपेयी और भैरोंसिंह शेखावत.

जैसलमेर के पोकरण में परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंकाया

साल 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजस्थान की मरु भूमि में भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित जैसलमेर जिले के पोकरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। अमेरिका जैसे देशों की नज़र से बचाकर अचानक किए गए इन तीन शक्तिशाली परमाणु परीक्षणों से अमेरिका से लेकर दुश्मन मुल्क पाकिस्तान दंग रह गया था। इसके बाद भारत दुनिया के परमाणु हथियार वाले देशों की गिनती में शामिल हो गया। भारत के इस परीक्षण की खास बात यह रही कि किसी को कानों कान ख़बर तक नहीं लगी।

वाजपेयी से करवाया भैरोंसिंह शेखावत ने पुत्री का कन्यादान

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से राजनीतिक मामलों के साथ ही सामाजिक सरोकारों से जुडे मामलों में भी गहरा नाता रहा। पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत वाजपेयी के घनिष्ठ मित्र माने जाते थे। जब अटल बिहारी वाजपेयी अपने घनिष्ठ मित्र भैंरोंसिंह शेखावत की पुत्री रतन कंवर के विवाह में आए तो स्वर्गीय शेखावत ने अपनी पुत्री का कन्यादान वाजपेयी से करवाया।

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राजे की परिवर्तन यात्रा की समापन सभा में मौजूद रहे थे वाजपेयी

राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में नेतृत्व की क्षमता को सबसे पहले वाजपेयी ने ही अपचाना। उन्होंने वर्ष 2003 में वसुंधरा राजे को राजस्थान की कमान सौंपी तो उस समय राजे ने ‘परिवर्तन यात्रा’ निकाली। इस यात्रा का समापन जयपुर में अमरुदों के बाग में हुआ। इस यात्रा के समापन समारोह में खुद अटल बिहारी वाजपेयी भी मौजूद रहे। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और राजे को राजस्थान की कमान मिली।

वाजपेयी ने सीकर में की जाटों को ओबीसी में शामिल करने की घोषणा

जाटों के जनरल वर्ग से ओबीसी वर्ग में शामिल होने की मांग पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें ओबीसी में शामिल करने की घोषणा पहली बार राजस्थान की धरती से की। वर्ष 1999 में राजस्थान के सीकर में आयोजित एक जनसभा में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी घोषणा की थी। उसके बाद प्रदेश में जाट जाति को ओबीसी में शामिल किया गया।