Rajasthan: After the Election Commission's green flag, 2433 Technical Helper joining in Discom.

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं को खुशी मनाने का मौका मिल गया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के लिए की जा रही भर्ती में नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने तीन डिस्कॉम में टेक्निकल हेल्पर व सूचना सहायकों के 2433 पदों पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। इसके बाद जयपुर डिस्कॉम ने टेक्निकल हेल्पर भर्ती में 796 में से 786 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है। साथ ही 93 सूचना सहायकों को भी नियुक्ति दे दी है। चुनाव से पहले ही नियुक्ति पाकर चयनित अभ्यर्थियों के चेहरे खिल उठे हैं।

File-Image: डिस्कॉम टेक्निकल हेल्पर.

आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण जारी नहीं हो सके थे नियुक्ति पत्र

गौरतलब है कि डिस्कॉम ने इन पदों के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही परिणाम जारी कर दिया था, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनावों के चलते आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो सके थे। अब निर्वाचन आयोग की हरी झंडी के बाद डिस्कॉम ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए हैं। बता दें, टेक्निकल हेल्पर के लिए 23 से 29 अगस्त तक ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती परीक्षा के लिए 2 लाख 30 हजार 943 लोगों ने आवेदन किया था। परीक्षा के लिए जयपुर डिस्कॉम को नोडल एजेंसी बनाया गया था तथा परीक्षा व परिणाम जारी करने का काम चेन्नई की एक प्राइवेट कंपनी को दिया था। जयपुर डिस्कॉम के सीपीओ राकेश शर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग से अनुमति के बाद टेक्निकल हेल्पर के पदों पर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं।

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जोधपुर डिस्कॉम में सबसे ज्यादा पदों पर मिलेगी नियुक्ति

टेक्निकल हेल्पर भर्ती में सर्वाधिक पद जोधपुर डिस्कॉम में खाली थे। यहां 944 पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। जोधपुर डिस्कॉम में टेक्निकल हेल्पर भर्ती के लिए 75 हजार 446 आवेदन आए थे। जयपुर डिस्कॉम में 796 पदों के लिए एक लाख सत्रह आवेदन प्राप्त हुए थे। वहीं, अजमेर डिस्कॉम में रिक्त 693 पदों के लिए 53 हजार 780 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। टेक्निकल हेल्पर की परीक्षा में कुछ अभ्यर्थी फर्जीवाड़ा व मिलीभगत का आरोप लगा रहे है। परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा कर कुछ अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत की है। इससे पहले परीक्षा लेने वाली प्राइवेट कंपनी पर भी गड़बड़ी करने का आरोप लगा था।