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Dungarpur: CM Raje has given Baisakhi to Sunita of Asapur assembly-Sabla Jansamvad.

‘डूबते को तिनके का सहारा’ कहने को यह एक मुहावरा है, लेकिन आम जीवन में ऐसे कई किस्से-कहानी हमारे सामने आते हैं जो इस मुहावरे को चरितार्थ साबित करते दिखाई पड़ते हैं। निराशाभरे जीवन में जब उजियारे की एक लौ जलती हुई ​दिखाई देती है तो मानो सपनों और आत्मविश्वास को जैसे नए पंख लग गए हो। जब आत्मविश्वास बढ़ने लगता है तो इंसान मेहनत के दम पर हर वो चीज हासिल कर सकता है जिसकी वह कल्पना कर सकता है। समाज में विशेष योग्यजनों को हमेशा से ही एक अलग नजरिए से देखा जाता रहा है। लेकिन जब भी कोई उनका सहारा बनकर खड़ा हुआ है तो उन्होंने अपने हौंसलों के दम पर खुद को साबित करके दिखाया है। दिव्यांगों को जरूरत है तो सिर्फ तनिक सहारे की… बाकी का मुकाम वो खुद अपने मजबूत इरादों से हासिल कर लेते हैं। हाल ही में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सहारा मिला डूंगरपुर की संगीता को। आइये जानते हैं क्या है पूरी कहानी…

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Image: साबला में दिव्यांग संगीता को बैसाखी प्रदान करती हुई मुख्यमंत्री राजे.

सीएम ने नेक दिल से की मदद, बैसाखी पाकर संगीता हुई गदगद

प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हाल ही में डूंगरपुर जिले के दो दिवसीय दौरे पर थीं। अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री आसपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों से जनसंवाद करने के लिए साबला पहुंची। राजे ने यहां राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से फीडबैक लिया। इसी दौरान मुख्यमंत्री राजे की नज़र दिव्यांग सुनीता पर पड़ी। सुनीता यहां मुख्यमंत्री राजे के जनसंवाद कार्यक्रम में उन्हें देखने और सुनने के लिए पहुंची थी। सीएम राजे ने जब देखा कि सुनीता विकलांग है और उनके पास बैसाखी नहीं है, और वह चलने में काफी मुश्किल का सामना कर रही है तो मुख्यमंत्री राजे से रहा नहीं गया। सुनीता के बिना बैसाखी कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के जज्बे ने मुख्यमंत्री को भावुक कर दिया। इसी दौरान राजे के मन में उमड़ी भावनाओं से दिव्यांग सुनीता को वो खुशी मिली जिसकी उसे जरूरत थी। मुख्यमंत्री ने तुरंत ही सुनीता को बैसाखी देकर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। ईश्वरीय भक्ति और साधु-संतो में विश्वास रखने वाली नेक दिल मुख्यमंत्री राजे की किसी असहाय पर यह पहली बार दरियादिली नहीं थी, इससे पहले भी वो कई बार जरूरतमंदों की मदद कर चुकी है। मुख्यमंत्री के हाथों मौके पर तोहफा पाकर संगीता के चेहरे पर बैसाखी मिलने की खुशी साफ झलक रही थी।

संगीता के चेहरे पर बैसाखी मिलने की खुशी देखकर मुझे काफी अच्छा लगा: राजे

मुख्यमंत्री राजे ने कार्यक्रम के बाद अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा,   ‘आसपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए साबला में आयोजित जनसंवाद में दिव्यांग संगीता से चर्चा के दौरान मुझे पता चला कि आवेदन नहीं किए जाने से उनके पास बैसाखी की सुविधा नहीं थी। जिस पर मैंने समाज कल्याण विभाग को संगीता को तुरंत बैसाखी देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि संगीता के चेहरे पर बैसाखी मिलने की खुशी देखकर मुझे काफी अच्छा लगा।’

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आजादी के बाद 65 सालों में जितने कार्य नहीं हुए उतने साढ़े चार साल में किए

मुख्यमंत्री राजे ने साबला में कहा, ‘मेरा अनुभव कहता है कि अगर सरकार की नीयत साफ़ हो तो कोई भी समस्या आपका मार्ग अवरुद्ध नहीं कर सकती। यह हमारी साफ नीयत का ही परिणाम है कि सरकार ने इस कार्यकाल में विकास के उतने कार्य कर दिखाए हैं जितने आजादी के बाद 65 सालों में भी नहीं हो सके थे। राजे ने कहा, वागड़ की जनता ने जिन आशाओं, आकांक्षाओं और स्नेह के साथ हमें समर्थन दिया था उस विश्वास पर खरा उतरने में हमारी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही कारण है कि मेरी इस यात्रा को डूंगरपुर की जनता ने भरपूर स्नेह और आशीर्वाद दिया। उन्होंने इसके लिए डूंगरपुर वासियों का आभार जताया।