प्रकृति का कहर किसी को बताकर नहीं आता, और जब आता है, तो कुछ बचा कर नहीं जाता। फिलहल कुछ ऐसे ही हालत है केरल में। पूरा केरल जलमग्न हो चूका है। हर चीज़ पर पानी फिर चूका है। लेकिन एक चीज़ ऐसी है, जिस पर कभी पानी नहीं फिर सकता। वो चीज़ है इंसानियत। इंसानियत इस सम्पूर्ण भारतवर्ष की वह धरोहर है, जो ना जल में डूबकर, ना आग में जलकर, ना हवा में उड़कर और ना ही धूप में तडफ़कर नष्ट हो सकती है। युगों-युगों से चली आ रही ये परंपरा…! जिससे ना भगवन विष्णु बच पाए ना स्वामी विश्वामित्र। हर युग में यहाँ के लोगों ने इंसानियत को सहेज कर रखा है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की केरल को 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
आज केरल को उसी इंसानियत की भरपूर आवश्यकता है। देश के कोने-कोने से केरल के लिए हर संभव सहायता भेजी जा रही है। ऐसे में हमारा राजस्थान कैसे पीछे रह सकता है। केरल में बाढ़ पीड़ितों की सहायतार्थ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा कर चुकी हैं, और आज पीड़ितों की मदद के लिए दवाईओं के ट्रक रवाना किये। हम सब जानते हैं की पिछले 8 अगस्त से केरल में हो रही अतिवृष्टि के कारण वहां भयंकर बाढ़ के हालत नियत रूप से बने हुए हैं। भारत के दक्षिणी राज्य केरल में कई दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश अब कुछ थम सी गयी है। मगर केरल में ये बाढ़ अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी है, हज़ारों लोगों को लापता कर चुकी है, लाखों लोगों को बेघर कर चुकी है, और करोड़ों रुपये की सम्पत्ति को तबाह कर चुकी है। भारी बारिश के चलते अभी भी 7 लाख़, 24 हज़ार, 649 लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुँचाने के लिए लगभग साढ़े पाँच हज़ार सहायता शिविर लगाए हैं।
वहां के लोगों को इस वक़्त हर तरह की मदद की जरुरत है। इसलिए हम सब देशवासियों को अपने बूते के मुताबिक कुछ ना कुछ अंश योगदान उन लोगों के लिए करना चाहिए। प्रत्येक शहर में ऐसी समाज सेवी संस्थाएं हैं, जिनके द्वारा हम अपनी सेवाएं उन तक पहुंचा सकते हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने भी कहा, की “यह सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है, जिसने केरल में भारी तबाही मचाई है… इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे…!”
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संकट की इस घड़ी में हम केरल के साथ
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा की संकट की इस घड़ी में हम केरल के साथ हैं। और हमारा प्रयास रहेगा की हम उन लोगों तक हर संभव मदद किसी भी रूप में पहुँचाने में कामयाब हों। हमेशा से ही दूरदृष्टिता की सोच रखने वाली मुख्यमंत्री राजे ने आने वाली समस्या और जरुरत को देखते हुए आज भी राजधानी जयपुर में स्थित स्वास्थ्य भवन से 3 ट्रक दवाईयां, केरल के लिए रवाना कये। जिनमे 1 करोड़ 27 लाख़ की दवाईयां केरल के लोगों के लिए भिजवाई गयी है। उन्होंने ये भी बताया की प्रदेश के समस्त आरएएस, आईएएस, विधायक एवं मंत्रीगणों ने अपने एक दिन का वेतन केरल बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए देंगे।
प्राकृतिक आपदाएं कभी बताकर नहीं आती। आज केरल पर विपत्ति के बादल है, कल हम पर भी दुःखों की बारिश हो सकती है। इसलिए ऐसी आपदाओं के लिए हमे पहले से तैयार तो रहना ही होगा साथ ही संकट की ऐसी घड़ी में हमे एक दूसरे की तन मन धन से मदद भी करनी होगी।