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सेवारत चिकित्सक और सरकार के बीच सुबह से चल रही वार्ता अब खत्म होती दिख रही है। इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों में एक बार फिर से सुलह के आसार दिख रहे हैं। आज सुबह 11 बजे से जयपुर के झालाना क्षेत्र स्थित सीफू कार्यालय में आयोजित हुई वार्ता बैठक में चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने डॉक्टर्स की पैरवी करते हुए अपनी मांगें सरकार के सामने रखीं। हालांकि बैठक थोड़ी देर से शुरू हुई और बैठक में कई बार आपसी तनातनी व तकरारें हुईं। यहां तक की सुबह से 5 बार समझौता पत्र भी तैयार हो चुका है। लेकिन अब सब कुछ ठीक होते नजर आ रहा है।

हालांकि बातचीत के लिए सुबह 11 बजे का समय दिया गया था लेकिन वार्ता दोपहर 12.30 के करीब शुरू हुई। दो चरण में हुई इस वार्ता में डॉ. अजय चौधरी के साथ चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, मंत्री यूनूस खान, अजय सिंह किलक और बंसीधर बाजीया के साथ चिकित्सा संघ के आला पदाधिकारी उपस्थित थे। पहले चरण की वार्ता के बाद चिकित्सकों ने आपस में राय—मशवरा कर फिर से दूसरे चरण की वार्ता शुरू की है। वार्ता में सभी रखी गईं मांगें पुरानी हैं लेकिन हड़ताली दिनों के छुट्टी Rajasthan Doctors strikeमें शामिल करने सहित कुछ मांगें अतिरिक्त रखी गई हैं जो निश्चित तौर पर स्वीकार कर ली जाएंगी। हालांकि मांगों के कुछ बिन्दूओं को लेकर अभी गतिरोध बना हुआ है लेकिन उनका उच्च स्तर पर समाधान करने का आश्वासन भी चिकित्सकों को दिया गया है।

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आपको बता दें कि अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर फिर से हड़ताल पर गए चिकित्सकों का आज 12वां दिन है। इन दिनों में प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गई है। हालांकि कुछ चिकित्सकों ने हड़ताल तोड़ अपना कार्य फिर से संभाल लिया था लेकिन ऐसे डॉक्टर्स की संख्या काफी कम है। इन 12 दिनों में प्रदेश में इलाज के अभाव में करीब 15 मौतें हो चुकी हैं और सैंकड़ों आॅपरेशन टाले गए हैं। आज की सुलह वार्ता से यह डैडलॉक टूटने की पूरी उम्मीद है। काम पर वापिस लौटने वाले और वार्ता में शामिल चिकित्सकों की गिरफ्तारी न करने का विश्वास सरकार पहले ही दिला चुकी है। खबर लिखे जाने तक सुलह वार्ता का दूसरा दौर जारी था। थोड़ी देर में हड़ताल समाप्ति का औपचारिक एलान हो सकता है।

यह हैं डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें —

  • हड़ताल वाले सभी दिनों को CL-PL में शामिल किया जावें
  • चिकित्सकों पर दर्ज मुकदमें वापिस लिए जावें
  • डीएसीपी, एरियर आदेश में विसंगति, तबादलें रद्द हों
  • नए आरएएस अधिकारी का पद सृजित न किया जावें
  • 12 नवम्बर को हुए समझौते के क्रियान्वयन पर मंथन हो

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