मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कुशल नेतृत्व में पिछले तीन वर्ष के दौरान कौशल विकास, स्वच्छता मिशन, ई-गवर्नेंस और सौर ऊर्जा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने के बाद अब राजस्थान ने दिव्यांगजनों के कल्याण एवं उनके सशक्तीकरण के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की हैं। राजस्थान को दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लिए वर्ष 2016 के 3 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

राजस्थान के झालावाड़ जिले को सरकारी विभागों, कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों तथा नगरीय निकायों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधामुक्त वातावरण तैयार करने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य के लिए तथा चित्तौड़गढ़ जिले को दिव्यांगों के लिए पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले देश के सबसे अच्छे जिले का पुरस्कार मिला है। राजस्थान अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त एवं विकास निगम को दिव्यांगों को वित्तीय सहायता देने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी का पुरस्कार दिया गया।

ये पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झालावाड़ कलेक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी, चित्तौड़गढ़ कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक रवि जैन को प्रदान किए।

सुगम्य भारत अभियान के तहत हुए प्रदेश के दिव्यांग लाभांवित

दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर उन्हें लाभान्वित कर रही है। दिव्यांगजन इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाकर  सही मायने में सुगम्य भारत-सशक्त भारत बनाने कीओर अग्रसर हो रहे हैं। सुगम्य भारत अभियान से देश के 7 करोड़ दिव्यांगों को मजबूती मिली हैं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिव्यांगों के कल्याण के लिए उन्हें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सहित अन्य योजनाओं से लाभान्वित कर रही है। दिव्यांगों को लाभान्वित करने के लिए तहसील एवं विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर विशेष शिविर लगाकर लाभान्वित करने की कार्य योजना भी राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।

राजस्थान सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए विशेष योजनाएं व अभियान

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिव्यांग जनों के सरकारी भवनों में दिव्यांगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए भी विशेष अभियान चलाया हैं जिसके अन्तर्गत प्रदेश के सभी सरकारी भवन, कार्यालय, आवास, विद्यालय, अस्पताल आदि में स्लोपर बनवाए गये हैं। राजस्थान सरकार ने  दिव्यांगों को स्वयं रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न टे्रड  में आरएसएलडीसी के माध्यम से प्रशिक्षण देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं। दिव्यांगों के लिए वर्ष 2014-15 से पूर्व मैट्रिक एवं उत्तर मैट्रिक छात्रवृति देने की शुरूआत राजे सरकार द्वार की गई हैं। दिव्यांगजनों को आगे की पढाई व विदेश जाने के लिए नेशनल फैलोशिप प्रदान की गई हैं। दिव्यांगों की  सात श्रेणी से बढ़ाकर 19 श्रेणियां बनाने का प्रस्ताव तैयार की गई हैं। राज्य सरकार अपने हिस्से की 10 प्रतिशत राशि के साथ भूमि उपलब्ध करवाने पर तीन माह में निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए अभियान चलाये हैं जिससे प्रदेश के दिव्यांगों को किसी भी स्तर पर असहज महसूस ना हो।

अन्नपूर्णा भंडार व ऋण से मिली दिव्यांगों को नई जिंदगी

राजस्थान सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए कई अभियान व कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं । इन्ही कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिव्यांगों को अन्नपूर्णा भंडार योजना के तहर राहत पहुंचाने का कार्य भी शामिल हैं। राजस्थान सरकार की अन्नपूर्णा भंडार योजना में दिव्यांगों को सबसे ज्यादा भंडार आवंटित किये गये हैं। इससे दिव्यांगों को समाजोत्थान पूर्वक जीवन व्यतीत करना का नया अवसर मिला हैं। इसके साथ ही राजस्थान सरकार दिव्यांगों को निशुल्क ऋण की सुविधा भी दे रही हैं जिससे दिव्यांग अपने किसी भी तरह का व्यवसाय व आत्मसम्मान से परिपूरण जीवन की ओर अग्रसर हो रहे हैं।