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Distribution of crop loan of Rs. 2800 crores for Kharif season: Cooperative Minister kilak.

राजस्थान की वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार ने वित्त वर्ष बजट में किसानों का फसली ऋण माफ करने की ऐतिहासिक घोषणा की थी। सरकार ने उसे पूरा कर दिखाया है। इस योजना में प्रदेश के करीब 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इसके इतर राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ी संख्या में फसली ऋण वितरण का कार्य भी शुरू कर दिया है। प्रदेश के सहकारिता एवं गोपालन मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए फसली ऋण के वितरण का कार्य तेजी से चल रहा है और अब तक किसानों को 2800 करोड़ रुपए से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण किया जा चुका है।

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File-Image: खरीफ सीजन के लिए 2800 करोड़ रुपए के फसली ऋण का हुआ वितरण: सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक.

खरीफ सीजन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के फसली ऋण वितरण का लक्ष्य

सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि इस साल हमने खरीफ सीजन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के फसली ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है जो गत वर्ष की तुलना में 1 हजार करोड़ रुपए अधिक है। किलक ने कहा कि प्रदेश में शिविरों का आयोजन कर किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा रहा है और अब तक 502 शिविरों का आयोजन हो चुका है और एक लाख 8 हजार 315 किसानों को 319.14 करोड़ रुपए के कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन शिविरों में किसान द्वारा मूल ऋणमाफी के बाद शेष बकाया राशि जमा कराने एवं ऋण के लिए आवेदन करने पर पूर्व में जितना ऋण स्वीकृत था उतना ऋण किसान को मुहैया कराया जा रहा है।

अब तक 502 फसली ऋण माफ शिविरों का किया जा चुका है आयोजन

सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि शिविरों में 84 हजार 357 सीमान्त एवं लघु किसानों का 239 करोड़ 88 लाख रुपए का मूल ऋण, 9 करोड़ 32 लाख रुपए ब्याज राशि एवं 2 करोड़ 31 लाख रुपए की शास्ति राशि सहित कुल 251 करोड़ 51 लाख रुपए की कर्जमाफ किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अन्य श्रेणी के 23 हजार 958 किसानों का 67 करोड़ 64 लाख रुपए का कर्ज माफ किया गया है। मंत्री किलक ने कहा कि जैसे जैसे किसानों के ऋण खातों का वेलिडेशन का कार्य पूरा होता जा रहा है वैसे ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों के वितरण हेतु शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के लाभ से कोई पात्र किसान वंचित नहीं रह जाये इसको सुनिश्चित करने के लिये हमने त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई है।

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सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसान सर्वप्रथम अपनी शिकायत संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति में दे सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को कर्जमाफी की राशि या उसको इसके लिए पात्र नहीं माने जाने के संबंध में किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो इसके समाधान के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई है और यदि इसके स्तर पर भी किसान को समाधान नहीं मिल पाता है तो वह परिवेदना कमेटी के सम्मुख अपना पक्ष रख सकता है।