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हाल ही में राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात में विधानसभा के लिए चुनाव हुए हैं। इसके ​अलावा हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा की कुल 68 सीटों पर चुनाव हुए हैं। दोनों ही जगह बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई है। इसके बाद अब राजस्थान में उपचुनाव की बारी है। राजस्थान में लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। अलवर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने रविवार को उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। अलवर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अलवर लोकसभा सीट से पूर्व सासंद डॉ. करण सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है।

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अजमेर और मांडलगढ़ सीट पर उम्मीदवार की घोषणा बाकी

हाल में नवनिर्वाचित राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देशों के बाद रविवार को अलवर उपचुनाव के लिए डॉ. करण सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस को अभी अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा करना बाकी रह गया है। जबकि बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत अब तक किसी भी सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। बता दें कि डॉ. यादव पहले भी अलवर से सासंद और बहरोड़ से दो बार विधायक रह चुके हैं। डॉ. यादव मशहूर कार्डियक सर्जन हैं और प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक भी रह चुके हैं। चुनाव आयोग की ओर से राजस्थान उपचुनावों की तारीखों की घोषणा से पहले ही कांग्रेस ने अलवर से अचानक उम्मीदवार घोषित करके राजनीतिक हलकों में गर्माहट ला दी है।

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बीजेपी सांसद महंत चांदनाथ के निधन के बाद खाली हुई है अलवर सीट: अलवर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव सांसद महंत चांदनाथ के निधन हो जाने के कारण हो रहे हैं।  महंत चांदनाथ के निधन से अलवर लोकसभा सीट रिक्त हो गई है। कांग्रेस ने डॉ. करण सिंह यादव को टिकट देकर यादव कार्ड खेला है। कांग्रेस ने डॉ. यादव को उम्मीदवार बनाकर यादव वोटों को अपने पक्ष में करने की रणनीति अपनाई है। जबकि बीजेपी अभी तक अपने उम्मीदवार के नामों पर विचार कर रही है। बीजेपी में बाबा बालनाथ और राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री जसवंत यादव या उनके पुत्र का नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल है। बता दें कि ये सभी दावेदार भी यादव समाज से ही हैं। हालांकि, अब बीजेपी यहां से गैर-यादव को भी उम्मीदवार बना सकती है।