जयपुर। प्रदेश में इन दिनों कांगो फीवर मामला काफी गर्माया हुआ है। कांगो फीवर से इस साल राजस्थान में इस साल कांगो फीवर से मौतों का पहला मामला सामने आया है। जाेधपुर के एम्स में भर्ती 40 वर्षीया एक महिला और 18 साल के युवक ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। जिले के बोरुंदा कस्बे की निवासी 40 वर्षीय महिला इंद्रा की 4 दिन पहले मौत हो गई थी, लेकिन मंगलवार को उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। इसी तरह एम्स में भर्ती हुए जैसलमेर जिले के 18 वर्षीय युवक की भी मंगलवार रात मौत हो गई और उसकी भी पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। जोधपुर एम्स में कांगो फीवर से दो की मौत एम्स प्रबंधन ने पुष्टि करते हुए इसकी सूचना स्वास्थ विभाग को दे दी है।

डॉक्टर और नर्सिंग ऑफिसर भी चपेट में
बताया जा रहा है कि इन दोनों मरीजों के उपचार से जुड़े डॉक्टर और नर्सिंग ऑफिसर भी बुखार की चपेट में हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बोरुंदा कस्बे पहुंची। मरीज के परिजन और आसपास के लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। कस्बे में करीब 250 सैंपल लिए गए और जानवरों के ब्लड सैंपल लिए हैं।

ये है कांगो फीवर के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कांगो फीवर से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और सिर में दर्द,आंखों में जलन और रोशनी से डर जैसे लक्षण पाए जाते हैं। कुछ लोगों को पीठ में दर्द और मितली होती है और गला बैठ जाता है। चिकित्सा विभाग के सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पशुओं के बाड़े को साफ सुथरा रखना चाहिए।