news of rajasthan
news of rajasthan
news of rajasthan
news of rajasthan

राजस्थान सहित छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। इसी के साथ पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है जो चुनावी परिणाम तक जारी रहेगी। आचार संहिता के लागू होते ही सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग गए हैं। अब सरकार व मंत्रियों को चुनाव आयोग के मातहत दिशा-निर्देश पर काम करेंगे।

क्या है आचार संहिता का मतलब

चुनाव आचार संहिता (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) का मतलब है चुनाव आयोग के सभी निर्देश, जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है या उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
आचार संहिता के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकेंगे, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।

ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री और मंत्री

  • शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)
  • विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति
  • परियोजना या योजना का लोकार्पण-शिलान्यास
  • सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा या अन्य किसी योजना उपलब्ध कराने का आश्वासन
  • वीवीआईपी दर्जे का इस्तेमाल
  • सरकारी कर्मचारियों के तबादले

सत्ताधारी दल के लिए नियम

  • कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।
  • शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।
  • कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
  • मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
  • सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
  • हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
  • विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
  • इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।
  • सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।
  • मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।
  • स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

अधिकारियों के लिए नियम

  • शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
  • मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
  • चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
  • जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
  • राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

मतदान के दिन संबंधी नियम

  • मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
  • मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
  • मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं।
  • कैम्प साधारण होने चाहिए।
  • मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।

लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध

चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी।

Read more: राजस्थान सहित 5 राज्यों में इस तारीख को होंगे चुनाव, तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू