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CM Vasundhara Raje instructed to complete the work genta-makhida Bridge in scheduled time.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को कोटा जिले के गेंता और बूंदी जिले के माखीदा के बीच बन रहे पुल का हवाई सर्वेक्षण किया। इस पुल के निर्माण से सवाई माधोपुर व लाखेरी की तरफ से इटावा, बारां, झालावाड़ तथा मध्यप्रदेश के शिवपुरी जाने के लिए लगभग 70 किमी की दूरी कम हो जाएगी। वहीं कोटा जिले के गेंता (इटावा) निवासियों के लिये 55 किमी और बारां से वाया कोटा होकर लाखेरी आने वाले यात्रियों के लिए 62 किमी का सफर कम हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने जयपुर पहुंचकर पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान को पुल का काम निर्धारित समय सीमा में पूरा करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद अब काम में तेजी आएगी और निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही काम पूरा हो जाने की उम्मीद है।

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Image: गेंता-माखीदा पुल का हवाई सर्वेक्षण करती हुई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे.

120 करोड़ रूपये की लागत से बन रहा है करीब 1562 मीटर लंबा पुल

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को अपने कोटा दौरे से हेलिकॉप्टर द्वारा वापस जयपुर लौट रही थीं। इस दौरान उन्होंने 120 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे करीब 1562 मीटर लम्बे इस पुल के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने आजादी के समय से चली आ रही इस क्षेत्र के लोगों की मांग को पूरा करते हुए गत वर्ष जनवरी में इस पुल का शिलान्यास किया था। राजे ने दिसम्बर, 2013 में सरकार बनते ही चम्बल नदी में घड़ियाल वन्यजीव क्षेत्र होने के कारण इस पुल के निर्माण में आ रही रूकावटों को दूर किया और पुल के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से निर्माण की स्वीकृति प्राप्त की।

इस पुल के बन जाने से राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों के लिए राह और सुगम होगी। साथ ही 70 किलोमीटर की दूरी कम हो जाने से समय की भी बड़ी बचत होगी। उल्लेखनीय है कि सीएम वसुंधरा राजे ने अपने नेतृत्व में राज्य में ऐसे कई ऐतिहासिक कार्य करवाएं हैं।

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