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राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे
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राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे

राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री माननीय वसुन्धरा राजे का आज जन्मदिन है। यह उनका 65वां जन्मदिवस है। यूं तो वसुन्धरा राजे का जन्म एक राजसी वैभव वाले परिवार में हुआ है और अगर वह चाहती तो पूरे ठाठबाट से जीवन गुजार सकती थीं लेकिन लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन केवल राजनीति और जनसेवा में लगा दिया। वसुंधरा राजे के बचपन से लेकर वर्तमान तक के जीवन और उनके कार्यों को अगर एक शब्द में बयां किया जाएं तो वह होगा ‘सेवा’। केवल निस्वार्थ सेवा। उन्‍होंने अपना सारा जीवन लोगों की, प्रदेश की, राष्‍ट्र की और गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया है।

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प्रदेश और प्रदेश के लोगों की सेवा माननीय मुख्यमंत्री के लिए कोई कार्य नहीं है बल्कि उनका खुद का मानना है कि उनका जन्‍म ही लोगों और देश की सेवा करने के लिए हुआ है। उनका यही समर्पण राजस्थान और अन्य लोगों में के दिलों में उनके लिए आदर व सम्मान की भावना पैदा रखता है।

वसुन्धरा राजे का जन्म 8 मार्च,1953 को मुंबई में मशहूर ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा कोडाईकनाल के प्रेजेन्‍टेशन कॉन्‍वेन्‍ट स्‍कूल से और स्नातक मुम्‍बई विश्‍वविद्यालय के सोफिया कॉलेज से हुई है। वसुन्धरा राजे की राजनीतिक करियर की शुरूआत 1984 में हुई जब वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य बनीं। अपने उम्दा व उत्कृष कार्यों के दम पर ही एक साल भर में उन्होंने राजस्थान भाजपा के यूथ विंग की उपाध्यक्ष से लेकर धौलपुर विधानसभा चुनाव जीत विधायक तक का सफर तय कर लिया।

अगले 19 सालों में वसुन्धरा राजे 5 बार सांसद रही। वर्ष 2003 में इतिहास रचते हुए उन्होंने राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री की बागडोर अपने हाथ में संभाली। हालांकि उनके सामने कांग्रेस के दिग्गज और राजस्थान की राजनीति के धूरी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खड़े थे लेकिन आयाम रचने हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत भाजपा की ओर से जीत दर्ज करते हुए मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया। वर्ष 2013 में फिर से एक तरफा जीत दर्ज करते हुए वसुन्धरा राजे ने दूसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

आज वसुन्धरा राजे की गिनती सख्त छवि के प्रशासक के रूप में होती है। वह सख्ती से राजनीति करने के लिए न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में जानी जाती हैं। अकसर उनकी शर्तों के आगे केंद्रीय नेतृत्व को ही समझौता करना पड़ता है। अपने बाड़मेर दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजे के बारे में कहा था कि ‘उनका बाड़मेर रिफाइनरी केन्द्र के लिए बड़ा घाटे का सौदा है लेकिन वसुन्धरा राजे के अटल विश्वास की वजह से उन्हें इसके लिए स्वीकृति देनी पड़ी।’ इतना ही नहीं, मोदी सदन में भी कई बार वसुन्धरा राजे और उनके व्यक्तिव की प्रशंसा कर चुके हैं।

उनके उत्कृष्ट कार्यों और जनसेवा वाली छवि की वजह से ही वर्ष 2007 में UNO (यूनाइटेड नेशन्स आॅर्गनाइगेशन) ने उन्हें वूमेन टूगेदर अवॉर्ड (Women Together Award) से सम्मानित किया है।

वर्तमान में वसुन्धरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री पद पर कायम है। इसी साल भाजपा के सफलता रूपी घोड़े पर सवार आगामी विधानसभा में फिर से जीत की तैयारियां कर रही है। उम्मीद यही है कि उनके जनसेवा कार्यों के दम पर राजस्थान में तीसरी बार और लगातार दूसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य उन्हें ही मिलेगा। खैर …. हमारी और प्रदेशवासियों की ओर से जन शक्ति वसुन्धरा राजे को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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