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CM Relief Fund: Cochlear implants surgery 489 children.

राजस्थान में मुख्यमंत्री सहायता कोष की मदद से प्रदेश के गरीब परिवारों के 489 बच्चों को नई जिंदगी मिल गई है। ये जन्मजात मूक बधिर बच्चे अब सामान्य बच्चों की तरह बोल, सुन सकते हैं, यहां तक की सामान्य बच्चों की तरह पढ़ सकते हैं और अब व्यवहार भी सामान्य बच्चों के जैसा ही करते हैं। मुख्यमंत्री सहायता कोष की मदद के बिना इन गरीब परिवारों के लिए जन्मजात मूक बधिर बच्चों का इलाज करा पाना संभव नहीं था। क्योंकि इसके इलाज पर निजी अस्पतालों में करीब 8 से 12 लाख रुपए का खर्चा आता है, जिसका खर्च उठाना किसी भी गरीब परिवार के लिए संभव नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मूक बधिर बच्चों की कॉक​लीयर इम्प्लांट सर्जरी पर करीब 4.50 से 5 लाख रुपए का खर्चा आता है, जो गरीब परिवारों के लिए वहन करना बहुत ही मुश्किल काम है। ऐसे में सरकारी मदद के बिना इलाज करा पाना मुमकिन नहीं है। वर्तमान राजस्थान सरकार ने प्रदेश के ऐसे गरीब परिवारों के 489 बच्चों का नि:शुल्क इलाज करवाया है। सरकार को इस पर करीब 25 करोड़ रुपए का भार आया है। बुधवार को एमएमएस मेडिकल कॉलेज के सुश्रुत सभागार में कॉकलीयर इम्प्लांट पर आयोजित एक सेमीनार में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार के लिए इससे बड़ी क्या बात हो सकती है कि 489 बच्चों को नई जिंदगी मिल गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के पैसे इस पुण्य के कार्य में लगे इससे बड़ी खुशी की कोई बात नहीं हो सकती। सीएम राजे ने यहां उपस्थित हुए सभी परिवारों को धन्यवाद दिया। आइये जानते हैं मुख्यमंत्री सहायता कोष की मदद से कॉक​लीयर इम्प्लांट सर्जरी से लाभान्वित हुए परिवारों का इसके बारे में क्या कहना है…

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Image: मुख्यमंत्री सहायता कोष: कॉक​लीयर इम्प्लांट सर्जरी से 489 बच्चों के परिवारों को मिली नई जिंदगी.

सरकार को इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद कहने को शब्द कम पड़ जाते हैं: नेतराम

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा क्षेत्र से आए लाभान्वित बच्चे के पिता नेतराम का कहना है कि इस नेक कार्य के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी को धन्यवाद कहने के लिए उनके शब्द कम पड़ जाते हैं। उनका कहना है कि मेरे लिए बच्चे का इलाज करा पाना बिल्कुल भी संभव नहीं था। परिवार की आ​र्थिक हालात ऐसी नहीं थी कि इलाज के लिए सोच भी सके। उन्होंने बताया कि एक दिन मेरा भाई बस द्वारा जयपुर से गांव आ रहा था, इसी दौरान उसे बस में मुख्यमंत्री सहायता कोष द्वारा कॉक​लीयर इम्प्लांट सर्जरी से लाभान्वित एक परिवार मिला, जिसने उन्हें सरकार की इस योजना के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने एमएमएस अस्पताल में डॉक्टर्स से मुलाकात कर इस योजना के बारे में पता किया। योजना में आवेदन करने के बाद 9 जनवरी 2018 को उनके बेटे की सर्जरी की गई। डॉक्टर्स ने करीब एक सप्ताह तक बच्चे को अस्पताल में भर्ती रखने के बाद छुट्टी कर दी। बच्चे पर होने वाला सभी प्रकार का खर्चा सरकार ने ही उठाया है। नेतराम का कहना है कि वे इसके लिए मुख्यमंत्री राजे के जिंदगी भर शुक्रगुजार रहेंगे। उनकी सहायता की बदौलत ही उनका बेटा अब बोल और सुन सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है, अगर इसका प्रचार किया जाए तो निश्चित ही प्रदेश के सभी गरीब परिवारों के बच्चों को लाभ मिल सकेगा।

मेरे पास पैसे नहीं थे इसलिए बेटी का इलाज नहीं करा पा रही थी: कैलाश कंवर

चुरू जिले के रतनगढ़ की रहने वाली कैलाश कंवर ने बताया कि जब उनकी बेटी विद्या कंवर 2 वर्ष की थी, तब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी बोल और सुन नहीं सकती है। महंगे इलाज और परिवार की ​आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उनके लिए अपनी बेटी का इलाज करा पाना संभव नहीं था। गांव के सरकारी स्कूल में लगे एक कैंप में उन्हें मुख्यमंत्री सहायता कोष द्वारा नि:शुल्क कॉकलीयर इम्प्लांट सर्जरी के बारे में पता चला। इसके बाद वे जयपुर आकर डॉक्टर्स से मिले और योजना एवं इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा की। योजना में आवेदन करने बाद 10 जनवरी, 2018 को उनकी बेटी की सफल सर्जरी की गई। अब उनकी बेटी 5 वर्ष की हो गई है और सर्जरी के बाद उसका बोलना व सुनना शुरू हो गया है। कैलाश कंवर का कहना है कि मुख्यमंत्री राजे की मदद से उनकी बेटी की जिंदगी सुधर गई है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए नहीं थकती है।

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मुख्यमंत्री का उम्रभर शुक्रगुजार रहूंगा, उनकी मदद से परिवार को नई किरण मिली: दानिश

जयपुर शहर के सांगानेर निवासी दंपत्ति दानिश खान और उनकी पत्नी सायना बानो का कहना है कि उनका बेटा तौफिक जब 1 साल का था तक उन्हें पता चला कि वो सुन और बोल नहीं सकता है। इसके बाद वे बच्चे को दिखाने एमएमएस अस्पताल आए। यहां डॉक्टर मानप्रकाश ने उन्हें इस समस्या के इलाज और सहायता के बारे में विस्तार से समझाया। दंपत्ति ने आगे बताया कि इसके बाद हमने मुख्यमंत्री सहायता कोष योजना में आवेदन किया। 20 नवंबर, 2017 को उनके बच्चे की नि:शुल्क कॉकनीयर इम्पलांट सर्जरी की गई। दानिश का कहना है कि करीब 5 माह में ही इस सर्जरी के ​बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उनका बेटा अब 6 साल का हो गया है और अब वह बोलने और सुनने लगा है। इस दंपत्ति का कहना है कि मुख्यमंत्री राजे का उन पर बहुत बड़ा एहसान है। सरकार की इस योजना की वजह से इलाज संभव हो पाया है और उनके घर में नई खुशी आई है। दानिश ने बताया कि उन्होंने इस योजना के बारे में अपने आस-पास के अन्य लोगों को भी बताया है जिसका फायदा अब उन्हें भी मिलने वाला है।