news of rajasthan
CM Raje Visiting Baba Baidhyanath Temple at Devgarh-Jharkhand.

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज सुबह झारखंड पहुंची। वे शनिवार जयपुर से रवाना होकर झारखंड के देवघर जिले स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के दर्शन करने पहुंची हैं। देवघर पहुंचने पर सीएम राजे का सांसद निशिकांत, प्रशासन और भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद राजे ने देवघर के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्चना एवं दर्शन कर प्रदेश में अमन-चैन और खुशहाली की कामना की। उनके साथ पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी मौजूद है। मुख्यमंत्री का इसके बाद झारखंड के हजारीबाग जाने का भी कार्यक्रम है। जहां वे मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख शासन सचिव तन्मय कुमार की माताजी के निधन पर शोक सभा में शामिल होंगी और शोक संतृप्त को ढांढस बंधाएगी। उनका दोपहर बाद जयपुर लौटने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। बता दें, सीएम राजे शुक्रवार को प्रदेश के कोटा शहर में मेडिकल कॉलेज और कैंसर हॉस्पिटल के भूमि कार्यक्रम में पहुंची थी। इससे पहले वे जनसंवाद कार्यक्रम के तहत 4 दिवसीय पाली जिले के दौरे पर थीं।

news of rajasthan
Image: सीएम राजे पहुंची झारखंड, देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के किए दर्शन.

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है देवघर का प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम

झारखंड स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम भगवान शिव के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। माना जाता है कि भगवान शिव के इस अत्यंत प्राचीन मंदिर में भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसी कारण शिवलिंग को कामना लिंग भी कहा जाता है। बाबा धाम को हृदय पीठ और चिता धाम भी कहा जाता है। मान्‍यता है कि यह ज्‍योतिर्लिंग राक्षसराज रावण ने कैलास पर्वत पर घोर तपस्‍या के बाद इसे वरदान स्‍वरूप प्राप्‍त किया था। मुख्य मंदिर में स्वर्ण कलश के ऊपर लगे पंचशूल सहित यहां बाबा मंदिर परिसर के सभी 22 मंदिरों पर लगे पंचशूलों को साल में एक बार शिवरात्रि के दिन पूरे विधि.विधान से नीचे उतारा जाता है और सभी को एक निश्चित स्थान पर रखकर विशेष पूजा कर फिर से वहीं स्थापित कर दिया जाता है।

Read More: योग अपनाकर स्वस्थ जीवन के रास्ते पर चल पड़ा है राजस्थानः मुख्यमंत्री राजे

बता दें, बैद्यनाथ ज्‍योतिर्लिंग एकमात्र ऐसा ज्‍योतिर्लिंग है जहां शिव और शक्‍ति एक साथ विराजमान हैं। पुराणों के अनुसार सुदर्शन चक्र के प्रहार से यहीं पर मां शक्‍ति का हृदय कटकर गिरा था। बैद्यनाथ दरबार 51 शक्‍तिपीठों में से एक है। शिव और शक्‍ति के इस मिलन स्‍थल पर ज्‍योतिर्लिंग की स्‍थापना खुद देवताओं ने की थी। भगवान श्रीराम और महाबली हनुमान ने भी श्रावण मास के दौरान यहां कांवड़ यात्रा की थी। शिव पुराण और पद्मपुराण के पातालखंड में इस ज्‍योतिर्लिंग की महिमा का बखान किया गया है।